हरियाणा विधान सभा प्रक्रिया के नियम 104 (क) और (ख) का हवाला देते हुए माननीय उच्च न्यायालय को बताया कि विधान सभा स्पीकर ने गलत/असंवैधानिक एवं नियमों के विरूद्ध जाकर फैसला लिया है
विधान सभा अध्यक्ष ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उन्हें 21 और 22 फरवरी के लिए निष्कासित किया है: अभय सिंह चौटाला
विधान सभा अध्यक्ष द्वारा उनके विरूद्ध सदन में जिस असंवैधानिक भाषा का इस्तेमाल किया था उसके लिए माफी मांगनी चाहिए
चंडीगढ़, 22 फरवरी: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को विधान सभा अध्यक्ष द्वारा मंगलवार, 21 फरवरी, को उन्हें दो दिनों के लिए नेम किए जाने के खिलाफ सुनवाई के लिए हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट में याचिका दायर की। माननीय न्यायाधीश ने याचिका स्वीकार करते हुए वीरवार को सुनवाई के आदेश जारी किए।
याचिका में अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा विधान सभा प्रक्रिया के नियम 104(क) और (ख) का हवाला देते हुए माननीय उच्च न्यायालय को बताया कि विधान सभा स्पीकर ने गलत/असंवैधानिक एवं नियमों के विरूद्ध जाकर फैसला लिया है। विधान सभा प्रक्रिया की नियमावली 104(क) के तहत विधान सभा स्पीकर सदन चलने के केवल उसी दिन के लिए ही नेम कर सकता है। दूसरा, विधान सभा की नियमावली 104(ख) के तहत किसी भी विधान सभा सदस्य को नेम करने के लिए स्पीकर को सदन में एक प्रस्ताव पारित करवाना पड़ता है लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव परित किए बगैर ही उन्हें विधान सभा से दो दिन के लिए नेम किया गया।
अभय सिंह चौटाला ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि विधान सभा अध्यक्ष ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उन्हें 21 और 22 फरवरी के लिए निष्कासित किया है। विधान सभा अध्यक्ष ने विधानसभा की नियमावली को ताक पर रख कर ऐसा असंवैधानिक आदेश पारित किया है इसलिए उन्हे मजबूरन हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट का रूख करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि उन्हें माननीय हाई कोर्ट पर पूरा विश्वास है कि उन्हें न्याय मिलेगा।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष द्वारा उनके विरूद्ध सदन में जिस असंवैधानिक भाषा का इस्तेमाल किया था, उसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
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