फतेहाबाद : केंद्रीय को-ऑपरेटिव सोसायटी में वर्ष 2019 में सामने आए 65 करोड़ के लोन घोटाला में आखिरकार विजिलेंस ने सोसायटी के तत्कालीन महाप्रबंधक, तीन प्रबंधकों व एक दलाल को गिरफ्तार किया है।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद दो प्रबंधकों की हालत बिगड़ गई, जिस पर उन्हें अग्रोहा दाखिल करवाया गया है। इसके अलावा अन्य को विजिलेंस कोर्ट में पेश करने के लिए लेकर गई है। पूरे मामले का खुलासा विजिलेंस आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद करेगी।
विजिलेंस ने गुरुवार को केंद्रीय को-ऑपरेटिव के तत्कालीन जीएम नरसी राम, तीन शाखा मैनेजर हरपाल सिंह, हरजिंद्र सिंह जिंदी, पृथ्वी पाल व एक दलाल प्रमोद को काबू किया है। शिकायतकर्ता ने शिकायत दी थी कि हरको बैंक द्वारा 1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2018 की अवधि के दौरान जारी लोन की जांच करवाई गई तो बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आई।
इस संबंध में 4 मार्च 2019 को शहर पुलिस फतेहाबाद ने को-आपरेटिव सोसायटी के मैनेजर रमेश पूनिया की शिकायत पर तत्कालीन जीएम सहित 18 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में धारा 120 बी, 420, 466, 467, 468, 471, 13(2), प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(1) डी, 9 के तहत मामला दर्ज किया था। नामजद लोगों में कई बैंक अधिकारी व अन्य लोग शामिल थे।
ऋण संबंधी रिकॉर्ड भी नहीं रखा गया, फर्जी डिस्पेच नंबर जारी किए गए और ऋणी सदस्यों के खातों से रेगुलर कर्मचारियों, आऊट सोर्स के कर्मचारियों व अन्य लोगों के खातों में राशि ट्रांसफर की गई। इतना ही नहीं फर्जी केवाईसी से बैंक कार्यक्षेत्र के बाहर के लोगों को भी ऋण वितरित हुए पाए गए।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर इस दौरान जीएम, दो जूनियर अकाऊंटेंट, एक प्रबंधक, दो सहायक प्रबंधक, एक लिपिक सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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