4 देशों में भूकंप, 1400 से अधिक लोगों की मौत, 6000 घायल , भारत भेजेगा मदद

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4 देशों में भूकंप, 1400 से अधिक लोगों की मौत, 6000 घायल , भारत भेजेगा मदद

 


मिडिल ईस्ट के चार देश तुर्किये (पुराना नाम तुर्की), सीरिया, लेबनान और इजराइल सोमवार सुबह भूकंप से हिल गए। सबसे ज्यादा तबाही एपिसेंटर तुर्किये और उसके नजदीक सीरिया के इलाकों में देखी जा रही है। तुर्किये के राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोग ने जानकारी दी है कि देश में अब तक 912 लोगों की जान जा चुकी है। 5385 लोगों के घायल होने की खबर है। सीरिया में 560 लोग मारे गए और 639 जख्मी हैं। दोनों देशों में मरने वालों की कुल संख्या 1400 से ज्यादा हो गई है। लेबनान और इजराइल में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन यहां नुकसान की खबर नहीं है।

 

भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। इसका असर भी दिख रहा है। दमिश्क​, ​​​​​​अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कीये में आए भूकंप में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की संवेदनाएं तुर्किये के साथ हैं। भारत सरकार मदद के लिए राहत सामग्री के साथ NDRF और मेडिकल टीमों के खोज और बचाव दलों को तुर्की भेज रही है।

 


18 आफ्टर शॉक आए, 5 से ज्यादा झटकों की तीव्रता 7 से ज्यादा

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक 7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद 78 आफ्टर शॉक्स रिकॉर्ड किए गए। इन सब की तीव्रता 4 से 6 के बीच रही। पहले भूकंप के बाद आए 7 झटकों की तीव्रता 5 से ज्यादा थी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले कुछ घंटों और दिनों तक आफ्टर शॉक्स महसूस किए जाएंगे।

 

तुर्की का नाम अब तुर्किये हो गया है। राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोआन की सरकार ने इसके लिए कोशिश शुरू की थी। नए नाम तुर्किये को UN ने मान्यता दी है।


 

यूरोपियन यूनियन के साथ भारत भी तुर्किये को मदद भेजेगा। भारत सरकार ने कहा- विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली NDRF की 2 टीमें भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं।

इजराइल, अजरबैजान, रोमानिया, नीदरलैंड्स भी रेस्क्यू के लिए टीम भेज रहे हैं।

तुर्किये में भूकंप प्रभावित इलाकों में ब्लड डोनेशन कैंप लगाए गए हैं।

रूस ने भी तुर्किये और सीरिया को मदद भेजने का ऐलान किया है। पुतिन फिलहाल 100 बचाव कर्मियों के साथ दो इल्यूशिन-76 एयरक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रहे हैं।



तुर्किये में 4 बड़े भूकंप आए

तुर्किये में 4 बड़े भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनमें से 3 झटके केवल 30 मिनट की भीतर आए। पहले भूकंप का केंद्र तुर्किये के कहरामनमारस प्रांत के गाजियांटेप शहर से 30 किलोमीटर दूर और जमीन से करीब 24 किलोमीटर नीचे था।

 

लोकल समय के मुताबिक ये भूकंप सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर आया। 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका 11 मिनट बाद यानी 4 बजकर 28 मिनट पर आया। इसका केंद्र जमीन से 9.9 किलोमीटर नीचे था। इसके 19 मिनट बाद यानी 4:47 बजे 5.6 तीव्रता का तीसरा भूकंप भी आया।

 


वहीं न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, तुर्किये में दोपहर को भी 7.6 तीव्रता का एक और भूकंप आया है। हालांकि, टर्किश मीडिया ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है। उसका कहना है कि कम से कम 3 ऑफ्टर शॉक्स ऐसे थे, जिनकी तीव्रता 7 से लेकर 6.7 तक थी। अब तक 78 आफ्टर शॉक्स रिकॉर्ड किए गए हैं।

 

इन शहरों में हुई सबसे ज्यादा तबाही : अंकारा, गाजियांटेप, कहरामनमारस, डियर्बकिर, मालट्या, नूरदगी समेत 10 शहरों में भारी तबाही हुई। यहां 1,710 से ज्यादा बिल्डिंग गिरने की खबर है। कई लोग मलबे के नीचे दबे हैं। लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कई इलाकों में इमरजेंसी लागू कर दी गई है।

 


स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे

तुर्किये के वाइस प्रेसिडेंट फुआत ओक्ते के ऑफिस की तरफ से एक बयान जारी किया गया। कहा- देश के 10 शहरों में इमरजेंसी और रेड अलर्ट जारी रहेगा। सभी स्कूल-कॉलेज एक हफ्ते बंद रहेंगे। फिलहाल, 200 फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं। हम मिलिट्री के लिए एयर कॉरिडोर बना रहे हैं। इसमें सिर्फ एयरक्राफ्ट को लैंड और टेकऑफ की मंजूरी दी जाएगी।

100 साल बाद आया इतना खतरनाक भूकंप, 10 हजार लोग मर सकते हैं

उधर, यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने चौंकाने वाली बात कही है। इसके आंकड़ों के मुताबिक तुर्किये में मरने वालों की संख्या एक हजार हो गई है। यह संख्या 10 हजार तक पहुंच सकती है।

 

USGS ने इसके पीछे तर्क दिया कि 1939 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था। तब 30 हजार लोगों की मौत हुई थी। वहीं, 1999 में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया था, तब 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी।

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