Haryana news : Panipat Cylinder Blast: सिलिंडर फटने से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत

Advertisement

6/recent/ticker-posts

Haryana news : Panipat Cylinder Blast: सिलिंडर फटने से एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत

 


पानीपत के गांव बिचपड़ी की परशुराम कॉलोनी की गली नंबर चार में गुरुवार सुबह दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। दंपती और चार बच्चों समेत पूरा परिवार रसोई गैस सिलिंडर लीक होने से लगी आग में जिंदा जल गया। दंपती और बच्चों का इतना वक्त भी नहीं मिला कि दरवाजा खोलकर बाहर निकल सकें। आसपास के लोगों ने किसी तरह दरवाजा तोड़ा तो आग का गोला बाहर निकला। सभी की मौत हो चुकी थी। आग इतनी भीषण थी कि सभी के शरीर के कंकाल ही रह गए थे। हादसा सुबह सात बजे का है। 



हादसे में अब्दुल (42) उसकी पत्नी अफरोज (40), बेटी इशरत खातून (18), रेशमा (16), बेटे अब्दुल शकूर (10) और अफान (10) जिंदा जल गए। मृतक के पड़ोसी ने बताया कि सुबह से ही गैस लीक होने की महक आ रही थी। अफरोज को कई बार आवाज भी दी, लेकिन सुना नहीं।


 इतने में उसने चाय बनाने के लिए गैस जलाई और पूरे कमरा आग का गोला बन गया। उनकी चिल्लाने की आवाजें आई तो सभी दौड़े, दरवाजा तोड़ने की कोशिश की, लेकिन अंदर से बंद था। ताला लगा हुआ था। परिवार को इतना भी वक्त नहीं मिला कि चाबी से ताला ही खोल सकें। अचानक लगी आग ने किसी को बचने का मौका ही नहीं दिया। 



हरियाणा में पानीपत के तहसील कैंप में परशुराम कॉलोनी स्थित राधा फैक्ट्री के पास गुरुवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। यहां एक घर में गैस सिलेंडर लीक हो गया। जिससे पूरा घर आग की चपेट में आ गया। उस वक्त घर के अंदर पति-पत्नी और 4 बच्चे मौजूद थे। पता चला है कि जिस वक्त गैस सिलेंडर में आग लगी, वह खाना बनाने की तैयारी कर रहे थे।



आग इतनी तेजी से फैली कि सभी बैड पर पड़े ही कंकाल हो गए। उन्हें अंदर से बाहर निकलने या शोर मचाने तक का मौका नहीं मिला। हादसे का पता चलते ही वहां कोहराम मच गया। जब तक पड़ोसी वहां पहुंचे, तब तक सब कुछ जलकर खाक हो चुका था। पुलिस मौके पर पहुंचकर पूरी घटना की जांच कर रही है।



ऐसे हुई सभी छह शवों की पहचान

परिवार के मुखिया अब्दुल करीम के कद से पहचान हुई।

अब्दुल की पत्नी अफरोजा की पहचान उसके चेहरे से हुई।

बड़ी बेटी इशरत खातून की पहचान पैरों में डली पायल से हुई।

छोटी बेटी रेशमा की पहचान बचे हुए उसके सिर के लंबे बालों से हुई।

सबसे छोटे बेटे अफान की पहचान मां के गोद में लिपटे होने से हुई।

छठे शव की पहचान अब्दुल शकूर के रूप में हुई।


सभी शवों के हुए पोस्टमार्टम, वेस्ट बंगाल के पैतृक गांव में दफनाए जाएंगे

गैस लीकेज के कारण 6 लोगों के जिंदा जलने के मामले में गुरुवार शाम बाद सभी के पोस्टमार्टम हो गए परिवार के लोग शवों को वेस्ट बंगाल स्थित पैतृक गांव ले गए जहां उनको कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा पोस्टमार्टम प्रक्रिया के दौरान अब बड़ी बात यह रही कि शवों का DNA सैंपल नहीं लिया गया क्योंकि सभी शवों की पहचान परिजनों ने कर ली थी।



शुरूआती जांच के बाद एसपी शशांक कुमार सावन ने कहा कि हादसा सिलेंडर फटने से नहीं बल्कि लीकेज से हुआ है। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। मौके पर फॉरेंसिक टीमें बुला ली गई हैं।



DSP मुख्यालय धर्मबीर खर्ब ने बताया कि सिलेंडर से गैस लीकेज हुई है। जैसे ही उन्होंने चाय बनाने के लिए आग जलाने की कोशिश की तो धमाके से आग लग गई। जिससे पूरे कमरे में आग फैल गई। इससे अंदर घुटन हो गई और सबकी मौत हो गई।



मृतक वेस्ट बंगाल के रहने वाले

मृतकों में पति-पत्नी और 4 बच्चे थे। बच्चों में 2 लड़कियां और 2 लड़के हैं। मृतकों की पहचान अब्दुल करीम (50), उसकी पत्नी अफरोजा (46), बड़ी बेटी इशरत खातुन (17-18), रेशमा (16), अब्दुल शकूर(10) और अफान (7) के रूप में हुई है। यह वेस्ट बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के रहने वाले थे। अभी परिवार परशुराम राम कॉलोनी, KC चौक, गली नंबर 4 में रह रहा था।


परिवार के जिंदा जलने के बाद रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है।



पानीपत के तहसील कैंप में गुरूवार सुबह अब्दुल करीम व अफरोजा 4 बच्चों समेत जिंदा जल गए। शुरूआती जांच के बाद SP शशांक कुमार सावन बोले- यहां रात में गैस सिलेंडर लीक हुआ, सुबह चाय बनाने के लिए आग जलाई तो धमाका हो गया। जिसके बाद सभी घुटन से बेहोश हो गए और झुलसकर जिंदा जल गए पूरी खबर पढें





हरियाणा के पानीपत शहर की परशुराम कॉलोनी में परिवार संग जिंदा जली इशरत खातून की जल्द डोली उठनी थी लेकिन वह नींद से ही नहीं उठी। असल में इसरत परिवार की सबसे बड़ी बेटी थी। पिता अब्दुल करीम और मां अफरोजा उसके निकाह की तैयारी में थे






प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दरवाजा तोड़ने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन टूटा नहीं। भागकर दूसरी ओर गए तो सीढ़ियों की ओर का दरवाजा भी अंदर से बंद था। दरवाजों तक से लपटें उठ रहीं थी। आग बुझाने की कोशिश भी नाकाम हुई, फिर और लोग भी आ गए और मिलकर किसी तरह दरवाजा तोड़ा गया। दरवाजा टूटते ही आग का गोला बाहर निकला। अंदर कोई जिंदा नहीं था, सभी की जलकर मौत हो चुकी थी। बच्चों के शव बिस्तर पर ही पड़े थे। दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया और पुलिस की जांच शुरू हुई।


पूरा परिवार करीब 80 वर्गफुट के छोटे कमरे में रह रहा था। उसी में रसोई और बिस्तर भी था। कमरे के बगल में ही एक कमरा और है, जिसमें एक और मजदूर परिवार रहता है। नीचे एक गोदाम है। एसएसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि गैस लीक होने से हादसा हुआ है। पुलिस टीम जांच कर रही हे। डीएसपी मुख्यालय धर्मबीर खर्ब ने बताया कि सुबह चाय बनाने के लिए गैस जलाते ही आग लगी, जिसने पलक झपकते ही पूरे कमरे को चपेट में ले लिया। परिवार मूलरूप से पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर का रहने वाला है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ