मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना : जाने फलों और सब्जियों पर प्रति एकड कितनी देनी होती है प्रीमीयम राशि और कितना मिलता है मुआवजा

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मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना : जाने फलों और सब्जियों पर प्रति एकड कितनी देनी होती है प्रीमीयम राशि और कितना मिलता है मुआवजा



सिरसा, 14 जनवरी। उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि बागवानी फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत किसानों को प्रति एकड प्रीमीयम राशि 2.5 प्रतिशत सब्जियों मसालों के लिए 750 रुपये प्रति एकड़ व फलों के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ देना होगा। सब्जियों एवं मसालों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि प्रति एकड़ 15 हजार रुपये व अधिकतम 30 हजार रुपये तथा फलों के लिए न्यूनतम मुआवजा राशि 20 हजार रुपये व अधिकतम 40 हजार रुपये होगी।



योजना में ओलावृष्टि, तापमान, पाला जल कारक (बाढ़, बादल फटना, नहर/ड्रेन का टूटना, जलभराव) आंधी तूफान व आग शामिल प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाएं कवर की जाती है। सरकार द्वारा योजना में कुल 21 फसलें जिनमें सब्जियां (14) फल (5) मसाले (2) को शामिल किया गया है। सब्जियों की फसल में टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घिया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, मूली तथा फल की फसल में आम, किन्नू, बेर, अमरुद, लीची तथा मसाले में हल्दी, लेह्सुन को कवर किया जाता है।



योजना में देय बीमा राशि व प्रीमियम--- 
सब्जियां व मसाले फसल के लिए 30 रुपये प्रति एकड़ बीमा राशि निर्धारित की गई है जिसका प्रीमीयम राशि 750 रुपये प्रति एकड़ (2.5 प्रतिशत) होगा। फल के लिए 40 रुपये प्रति एकड़ बीमा राशि निर्धारित की गई है जिसका एक हजार रुपये प्रति एकड़ होगा।



योजना में प्रति एकड़ मुआवजा राशि
0 से 25 प्रतिशत होने पर सब्जियों व फल की फसल के लिए मुआवजा देय नहीं होगा।  इसके अलावा 26 से 51 प्रतिशत नुकसान होने पर मुआवजा दर 50 प्रतिशत निर्धारित की गई है जोकि सब्जियों की फसल के लिए 15 हजार रुपये तथा फलों की फसल के लिए 20 हजार रुपये निर्धारित की गई है। इसी प्रकार 51 से 75 प्रतिशत तक नुकसान होने पर फसल के लिए मुआवजा दर 75 प्रतिशत निर्धारित की गई है जोकि सब्जियों की फसल के लिए 22 हजार 500 रुपये तथा फलों की फसल के लिए 30 हजार रुपये प्रति एकड़ देय होगी। 


इसी प्रकार 75 से अधिक नुकसान होने पर 100 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा जोकि सब्जियों की फसल के लिए 30 हजार रुपये प्रति एकड़ तथा फलों की फसल के लिए 40 हजार रुपये प्रति एकड़ देय होगी। मुआवजा राशि सीधे पंजीकृत किसान के खाते में स्थानान्तरित होगी मुआवजा राशि समिति द्वारा सर्वेक्षण पर आधारित होगी।



इस अवधि के दौरान करवा सकते हैं पंजीकरण
भिंडी, लौकी, करेला, बैंगन, मिर्च, शिमला मिर्च फसल के लिए पंजीकरण 15 जनवरी से 15 मार्च तक पंजीकरण करवाया जा सकता है। किन्नू फसल के लिए एक मार्च से 31 मार्च तक, आम फसल के लिए एक फरवरी से 31 मई, अमरूद (बरसाती) फसल के लिए एक अप्रैल से 31 मई तक, अमरूद (शीतकालीन) फसल के लिए एक सितंबर से 31 अक्टूबर तथा बेर के लिए एक सितंबर से 31 अक्टूबर तक पार्टल एमबीपीवाईहोर्टीहरियाणाडॉटजीओवीडॉटइन पर फसल का पंजीकरण करवाया जा सकता है।

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