मारवाड़ी नस्ल के घोड़े अल्कोहल को देखने के लिए उमड़ रही भीड़, जाने घोड़े की खासियत

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मारवाड़ी नस्ल के घोड़े अल्कोहल को देखने के लिए उमड़ रही भीड़, जाने घोड़े की खासियत

राजस्थान के हनुमानगढ़ जंक्शन में बाइपास रोड पर पशु मेला ग्राउंड में चल रहे 17वें भटनेर अश्व मेले की रौनक बढ़ती जा रही है। दूर-दराज के क्षेत्र से लोग अश्वों को देखने के लिए मेला स्थल पर पहुंच रहे हैं। 


शुक्रवार को तीसरे दिन भी मेला स्थल पर काफी चहल-पहल नजर आई। मेले में राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा, गुजरात सहित अन्य राज्यों से अश्व पालक अपने अश्वों के साथ पहुंच रहे हैं। भटनेर मेले में मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा अल्कोहल आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। भटनेर मेले में 'अल्कोहल' बना आकर्षण का केंद्र:मारवाड़ी नस्ल के घोड़े की ऊंचाई 63 इंच, अब तक जीत चुका है 3 प्रतियोगिताएं


पन्नीवाला निवासी मोहन सिंह राठौड़ ने बताया कि उनकी चार पीढ़ियों से घोड़ों को पाला जा रहा है। वो अपने घोड़े अल्कोहल को लेकर मेले में आए हैं। इसकी उम्र साढ़े 3 साल और ऊंचाई 63 इंच है। अल्कोहल अब तक तीन प्रतियोगिताएं जीत चुका है। 



उन्होंने मारवाड़ी नस्ल के घोड़े की खासियत बताते हुए कहा कि मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा लंबे समय तक बिना भोजन और पानी के रह सकता है। मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा सबसे विश्वसनीय माना जाता है, जो अपने मालिक के प्रति वफादार रहता है। इसकी स्ट्रेंथ पावर अन्य घोड़ों से अधिक होती है। इतिहास पढ़ें तो पता चलेगा कि युद्ध के दौरान मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों को उपयोग में लिया जाता था।


जिला अश्व पालक समिति के अध्यक्ष धनसिंह ने बताया कि अश्व मेला 31 जनवरी तक चलेगा। 29 जनवरी को दूधिया दांत बच्छेरा-बच्छेरी, 30 जनवरी को दो दांत बच्छेरा-बच्छेरी, 31 जनवरी को नुकरा व मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों की प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी। प्रतियोगिता के लिए रजिस्ट्रेशन 28 जनवरी से शुरू होगा। 



इस मौके पर सत्यदेव सुथार, जोतराम गोदारा, लोकेश चाहर, कृष्ण चाहर, संजीव बेनीवाल, सुमित चाहर, नकुल रणवां, मोहन सिंह राठौड़, सुशील ढुकिया, जगमीत सिंह, डॉ. सुरेन्द्र शर्मा, राजीव चाहर, गुरराज सिंह, राजीव चाहर, राहुल चाहर सहित कई घोड़ा पालक मौजूद थे

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