चोपटा--राजस्थान की सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र में हुई हल्की बारिश से रबी की फसल को फायदा हुआ है। किसानों का कहना है कि बारिश गेहूं, चने, सरसों व जौ आदि रबी की फसल के लिए संजीवनी का काम कर रही है। Chopta Plus, sirsanews,. Agriculture, taja khabar,
बारिश से सबसे ज्यादा फायदा तो बिरानी जमीन में खड़ी 2100 हेक्टेयर में चनों की फसल को हुआ है। बिरानी जमीन में सिंचाई करना मुश्किल हो रहा था अब बारिश से चने की फसल का उत्पादन अच्छा हो जाएगा।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय बारिश तो अच्छी होती है। ओला वृष्टि घातक हो सकती है। चोपटा खंड में इस
बार किसानों ने 37200 हेक्टेयर में गेहूं, 22200 हेक्टेयर में सरसों, 2100 हेक्टेयर में चना व 1200 हेक्टेयर में जौ व अन्य फसलों की बिजाई की है।
इस फसल पर मंडरा रहा पाले का खतरा टल गया है। जगदीश चंद्र व सुल्तान सिंह का कहना है कि इस बार मानसून की बारिश अच्छी होने से बिरानी जमीन में चनों की बिजाई की गई थी। इस समय बारिश की जरूरत भी है। इस समय बारिश फसलों के लिए फायदेमंद होती है। इन महीनों में फसल के लिए सूखा पाला घातक होता है।
बारिश होने के बाद पाले से कोई नुकसान नहीं होता। किसान महेंद्र सिंह व जगदीश का कहना है कि खेतो में फसलों को देखकर ऐसा लगता है कि उत्पादन बंपर होगा। किसान कृष्ण कुमार बैनीवाल व सुभाष चन्द्र का कहना है अब फसलों को सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ेगी। जिससे डीजल का खर्च बच जाएगा।
वर्जन
बारिश है फसलों के लिए फायदेमंद
चोपटा खंड में इस बार किसानों ने 37200 हेक्टेयर में गेहूं, 22200 हेक्टेयर में सरसों, 2100 हेक्टेयर में चना व 1200 हेक्टेयर में जौ व अन्य फसलों की बिजाई की है।
इस मौसम में बारिश फसलों के लिए बहुत लाभदायक है। इस बार रबी की फसल का उत्पादन बंपर होने की पूरी संभावना है। -- शैलेन्द्र कुमार कृषि विकास अधिकारी
फोटो। चोपटा क्षेत्र मे बारिश के बाद लहलहाती फसल देखते किसान
0 टिप्पणियाँ