चंडीगढ़ पुलिस लगातार शहर में ड्रग तस्करों को पकड़ रही है। वहीं स्कूलों के बाहर बच्चों को कथित रूप से ड्रग बेचे जाने का मुद्दा गर्मा गया है। इसे लेकर यूटी चंडीगढ़ के एडवाइजर समेत DGP एवं SSP और एजुकेशन सेक्रेटरी को लेटर लिख इस मामले में जांच मांगी गई है।
बीते 18 दिसंबर को चंडीगढ़ अर्बन फेस्टिवल और डोन बोस्को नवजीवन सोसाइटी की ओर से एक चाइल्ड पार्लियामेंट आयोजित की गई थी। इसमें बच्चों ने स्कूलों के बाहर ड्रग बेचे जाने का मुद्दा उठाया था। इसे लेकर शहर के एक सोशल वर्कर अमित शर्मा ने प्रशासन और पुलिस अफसरों से जांच की मांग की है।
लेटर में कहा गया है कि शहर भर से बच्चे सवाल कर रहे हैं कि स्कूलों के बाहर ड्रग बेची जा रही है। वहीं स्कूलों में डम्मी दाखिले किए जा रहे हैं। कुछ परिजन बच्चों के साथ होने वाली दुर्व्यवहार की घटनाओं में उनकी आवाज को दबा रहे हैं। ऐसे में स्कूलों के बाहर चैकिंग बढ़ा कर ड्रग संकट से बच्चों को बचाया जाए।
बच्चों से स्कूलों में मिले अफसर
लेटर के जरिए मांग की गई है कि पुलिस और शिक्षा विभाग के सीनियर अफसर स्कूलों में बच्चों से मिले और उनकी सुरक्षा एवं शिक्षा से जुड़े मुद्दों को समझें। इससे बच्चों में विश्वास पैदा होगा। बता दें कि चाइल्ड पार्लियामेंट में शहर भर के स्कूलों से सैकड़ों बच्चे इसमें शामिल हुए थे। वहीं इसमें प्रशासन और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोग भी थे। शिकायतकर्ता अमित शर्मा ने कहा कि वह एक पैनलिस्ट थे जब बच्चों ने अपने सवाल पूछे थे।
बच्चों को हेल्पलाइन नंबर ही नहीं पता
लेटर में कहा गया इै कि पेनलिस्ट्स को बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर बताना पड़ रहा है तो इस दिशा में काफी काम करने की जरूरत है। वहीं सिर्फ बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन के बारे में बताना ही जरूरी नहीं बल्कि उनका इस पर विश्वास भी बनाना जरूरी है कि जब वह कॉल करेंगे या टीचर काे शिकायत देंगे तो कोई कार्रवाई होगी। ऐसे में मांग की गई है कि स्कूलों के बाहर पुलिस पहरा बढ़े और ड्रग बेचे जाने के इस मुद्दे की जांच की जाए।
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