पोपूलर का पेड़ सर्दियों में अपने पत्ते पूर्णतया गिरा देता है, जिससे वृक्षों के नीचे गेहूं, राया, मसूर, बरसीम, जई आदि फसलें उगाई जा सकती है
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पोपूलर का पेड़ सर्दियों में अपने पत्ते पूर्णतया गिरा देता है, जिससे वृक्षों के नीचे गेहूं, राया, मसूर, बरसीम, जई आदि चारा फसलें सफलतापूर्वक उगाई जा सकती हैं।
ये किस्में लगा सकते हैं
पोपलर की पोपलरन डेल्टा आइड्स जी-3, जी-48, सी-15, एस-48 आदि किस्मों की सिफारिश की जाती है। जी-48 ज्यादा सिंचाई एवं जी-3 कम सिंचाई वाले
क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। पोपलर के वृक्षों से 20 से 25 सेंटीमीटर लंबी टहनियां काटकर जनवरी-फरवरी माह में तैयार क्यारियों में 60 सेंटीमीटर के फासले से लगाए। कलम लगाते समय उसका दो तिहाई भाग भूमि में सीधा लगाएं तथा आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें।
पोपलर की पोपलरन डेल्टा आइड्स जी-3, जी-48, सी-15, एस-48 आदि किस्मों की सिफारिश की जाती है। जी-48 ज्यादा सिंचाई एवं जी-3 कम सिंचाई वाले
क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। पोपलर के वृक्षों से 20 से 25 सेंटीमीटर लंबी टहनियां काटकर जनवरी-फरवरी माह में तैयार क्यारियों में 60 सेंटीमीटर के फासले से लगाए। कलम लगाते समय उसका दो तिहाई भाग भूमि में सीधा लगाएं तथा आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें।
एक वर्ष बाद इन कलमों से तैयार पौधे रोपने के लिए योग्य हो जाते हैं। वर्षा ऋतु में नर्सरी में 25 ग्रा. यूरिया प्रति पौधा की दर से देने पर बढ़वार अच्छी होती है। दीमक से बचाव के लिए कलमों को 0.1 प्रतिशत
क्लोरोपाइरीफोस 20 ईसी दवा से उपचारित करके बोएं तथा रोगों से बचाव के लिए कलमों को 250 ग्रा. एमिसान-6 को 50 लीटर पानी में घोल बनाकर उपचारित करें।
क्लोरोपाइरीफोस 20 ईसी दवा से उपचारित करके बोएं तथा रोगों से बचाव के लिए कलमों को 250 ग्रा. एमिसान-6 को 50 लीटर पानी में घोल बनाकर उपचारित करें।
नर्सरी में लगाई गई कलमें एक वर्ष बाद जड़ सहित उखाड़कर खेतों में किसान लगा सकते हैं। पौधे से पौधे व लाइन से लाइन का फासला 4-4 मीटर रखने पर एक एकड़ में लगभग 250 पौधे लगेंगे। पोपलर नालियों में दोनों तरफ लगाते समय पौधे से पौधे की दूरी दो मीटर तथा खेत में मेढ़ के साथ-साथ पौधे से पौधा तीन मीटर की दूरी पर लगाएं।
पोपलर के साथ-साथ खेत में फसल लेनी हो तो लाइन से लाइन 5-5 मीटर या 8-3 मीटर रखना चाहिए। पौधे कतारों में उत्तर से दक्षिण लगाएं, जिससे फसलों को पर्याप्त प्रकाश मिल सके। फसलों में डाले गए उर्वरक ही फसलों के बीच में लगाए गए पोपलर के लिए काफी रहता है।
अकेले पौधारोपण किए गए पोपूलर में 100 ग्राम यूरिया जुलाई व सितंबर में प्रति पौधा की दर से प्रति वर्ष डालें तथा तुरंत सिंचाई करनी चाहिए।
प्रथम वर्ष महीने में दो तथा उसके बाद महीने में एक बार सिंचाई अवश्य करनी चाहिए।
प्रथम वर्ष महीने में दो तथा उसके बाद महीने में एक बार सिंचाई अवश्य करनी चाहिए।
कृषि विकास अधिकारी डॉ बहादर गोदारा ने बताया कि किसान खेती के साथ पोपलर लगा सकते हैं। इससे जहां आमदनी बढ़ेगी।
इसी के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे रोपण बहुत जरूरी है।
इसी के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे रोपण बहुत जरूरी है।
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