स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत की मदद वाले हरियाणा रोडवेज के ड्राइवर और कंडक्टर को पानीपत डिपो के जीएम कुलदीप जांगड़ा ने सम्मानित किया. दोनों ने बहादुरी का परिचय देते हुए ऋषभ पंत की जान बचाने में मदद की थी
हरियाणा रोडवेज पानीपत डिपो के चालक सुशील कुमार और परिचालक परमजीत नैन की मानवता के चलते आज भारत के चहेते बल्लेबाज ऋषभ पंत अनहोनी का शिकार होने से बच गए। दोनो ही करनाल जिले के रहने वाले है।
अगर ये दोनों उन्हें समय रहते गाड़ी से बाहर न निकालते तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
हरियाणा रोडवेज बस के कंडक्टर परमजीत ने बताया कि ड्राइवर बस चला रहा था और मैं साइड पर बैठा हुआ था। जैसे ही हम नरसन पहुंचे तो 100-150 दूर से एक गाड़ी अनियंत्रित होकर आ रही थी। मैंने ड्राइवर को कहा कि ये गाड़ी कहीं हमारी तरफ न आ जाए। इतना कहते कहते गाड़ी रेलिंग तोड़ते हुए दूसरी साइड आ गई। हमारी गाड़ी के बिल्कुल सामने उसने पलटा खाया और साइड से निकलती हुई आगे चली गई। उनकी गाड़ी के कुछ पार्ट टूट कर हमारी बस को लगे। वहीं गाड़ी रेलिंग से टकराकर दोबारा सीधी हो गई। गाड़ी सीधी होने के बाद पंत सर गाड़ी से आधे बाहर आ गए।
गाड़ी की डिग्गी से आग लगना शुरू हो गई थी। हम बस से उतरे और उनकी गाड़ी की तरफ भागे। मैंने और बस के चालक ने उन्हें गाड़ी से बाहर निकाला और डिवाइडर पर छाती के बल लेटा दिया। हमें नहीं पता था कि ये पंत सर हैं। उन्होंने हमें खुद बताया कि वो ऋषभ पंत हैं। लेकिन उनके चेहरे पर खून लगा हुआ था इसलिए हम उन्हें पहचान नहीं पाए। मैंने ड्राइवर को बोला की गाड़ी में जाकर देखो कोई और तो नहीं है। लेकिन पंत साहब ने कहा कि गाड़ी में कोई नहीं है। उसके बाद मैंने एक सवारी की चद्दर लेकर उन्हें ओढ़ाई।
मैंने एंबुलेंस को फोन किया और ड्राइवर ने पुलिस को फोन किया। 15 मिनट बाद एंबुलेंस आई और हमने उन्हें उसमें बैठा दिया। गाड़ी में कुछ पैसे थे। एक सवारी पैसे उठा रही थी तो मैंने उसे कहा कि पैसे वापस रख दे। हमने उनका सामान और पैसे गाड़ी में रखवा दिया। हमें नहीं पता कि ये वीडियो कैसे वायरल हुआ।
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