7.5 लाख शराब की पेटियों का नहीं बल्कि 25 लाख पेटियों की चोरी घोटाले का मामला है: अभय सिंह चौटाला

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7.5 लाख शराब की पेटियों का नहीं बल्कि 25 लाख पेटियों की चोरी घोटाले का मामला है: अभय सिंह चौटाला

 


अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा शराब घोटाले में शामिल सत्ता में बैठे लोगों और अधिकारियों को बचाने का काम किया जा रहा है
इसकी सीबीआई से जांच कराई जाए तो सामने आएगा कि हजारों करोड़ रूपए मंत्री और ठेकेदार मिल कर खा गए, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी द्वारा खेल मंत्री पर छेड़छाड़ के संगीन आरोप लगाने का मामला सामने आया है, खेल मंत्री द्वारा एक जूनियर कोच को घर पर बुला कर छेड़छाड़ करना और प्रताड़ित करना प्रदेश की भाजपा गठबंधन सरकार पर कलंक है, जूनियर कोच को न्याय दिलाने के लिए सरकार तुरंत एसआईटी की जांच के आदेश दे और खेल मंत्री को तुरंत बर्खास्त करे


चंडीगढ़, 29 दिसंबर: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने वीरवार को चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बुधवार को शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन शराब की पेटियां चोरी होने के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को स्वीकार करने और सदन में टेबल करने के बाद यह कह कर चर्चा करने से मना कर दिया गया कि यह मामला कोर्ट में लंबित है। जबकि नियम 1530 में साफ लिखा है कि कोई मामला तब तक न्यायालय में न्यायधीन नहीं माना जा सकता जब तक कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई वस्तुत: आरंभ नहीं हुई हो।


अभी तक न तो इस मामले पर कोई संज्ञान लिया गया है और न ही मामला कोर्ट में पेंडिंग है। उन्होंने कहा कि यह 7.5 लाख शराब की पेटियों का नहीं बल्कि 25 लाख पेटियों का मामला है। ठेकेदारों पर 28 करोड़ का जुर्माना लगाकर मामले की लीपापोती की गई है। ऐसा कर सत्ता में बैठे लोगों और अधिकारियों को बचाने का काम किया जा रहा है। अगर इसकी जांच कराई जाए तो सामने आएगा कि हजारों करोड़ रूपए मंत्री और ठेकेदार मिल कर खा गए। सरकार इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाई जाए ताकि असली दोषियों के नाम उजागर हो सकें और उनको सजा दी जा सके।  


उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में हरियाणा की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी एथलीट जो कि खेल विभाग में ओएसपी जूनियर एथलेटिक्स कोच के पद पर तैनात है, उनके द्वारा प्रदेश के खेल मंत्री पर छेड़छाड़ के संगीन आरोप लगाने का मामला सामने आया है। जूनियर कोच ने अपनी शिकायत की सुनवाई के लिए गृह मंत्री और डीजीपी से मिलने की कोशिश की लेकिन बहुत दुर्भाग्य की बात है कि कहीं भी उसे न्याय नहीं मिला। 

खेल मंत्री द्वारा एक जूनियर कोच को घर पर बुला कर छेड़छाड़ करना और प्रताड़ित करना प्रदेश की भाजपा गठबंधन सरकार पर कलंक है। जूनियर कोच को न्याय दिलवाने के लिए सरकार तुरंत एसआईटी की जांच के आदेश दे और खेल मंत्री को तुरंत बर्खास्त करे।

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