लोकसभा के सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष तौर पर किया जाता है । भारत का प्रत्येक नागरिक जिसकी आयु 18 वर्ष की है, वोट देने का अधिकारी है । चुनाव के लिए समस्त देश को उतने ही चुनाव क्षेत्रों में बांट दिया जाता है, जितने सदस्य चुनने होते हैं । लोकसभा के स्थान विभिन्न राज्यों में जनसंख्या के आधार पर बांटे जाते हैं और यह प्रयास किया जाता है कि राज्यों के प्रतिनिधि तथा राज्य की जनसंख्या में एकरूपता हो ।
लोकसभा के सदस्य बनने के लिए निम्नलिखित योग्यताएँ होनी
जरूरी हैं:
1. वह भारत का नागरिक हो ।
2. वह 25 वर्ष की आयु
पूरी कर चुका हो ।
कार्यकाल
आपातकाल में संसद द्वारा इसके कार्यकाल में एक बार में एक वर्ष तक की व कर सकती है । 1976 में लोकसभा का कार्यकाल दो बार एक-एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया था ।
प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति लोकसभा को पांच वर्ष
से पूर्व भी भंग कर सकता है ।
लोकसभा का अधिवेशन राष्ट्रपति द्वारा ही बुलाए तथा
स्थगित किये जाते हैं । इस संबंध में यह नियम है कि लोकसभा की दो बैठकों में 6 माह से अधिक
का अंतर नहीं होना चाहिए । लोकसभा तथा राज्यसभा दोनों की गणपूर्ति इसकी कुल संख्या
का दसवां भाग होना चाहिए ।
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