जयपुर। सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा में सामान्य ज्ञान का पेपर लीक प्रकरण में पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। डीजीपी उमेश मिश्रा ने साफ किया कि आरोपियों के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एन.एस.ए.) लगाया जाएगा। आरोपियों की प्रॉपर्टी सीज होगी। आरोपियों की मदद करने वालों को भी नहीं छोड़ा जाएगा। पुलिस ने अब तक मामले में 45 स्टूडेंट्स समेत 49 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए 45 स्टूडेंट्स में से 43 जालोर जिले के रहने वाले हैं। एक-एक स्टूडेंट बीकानेर और जोधपुर का है।
पकड़े गए स्टूडेंट्स में 6 लड़कियां भी शामिल हैं। पुलिस ने आज सभी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से युवतियों को 2 और युवकों को 5 दिन के रिमांड पर भेज दिया है। पकड़े गए स्टूडेंट्स अब कोई भर्ती परीक्षा नहीं दे सकेंगे। डीजीपी ने बताया जिला पुलिस और एसओजी को पकड़े गए आरोपियों की कुंडली खंगालने के निर्देश दे दिए हैं। पकड़े गए और फरार चल रहे सभी बदमाशों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि नकल कराने में शामिल बदमाशों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पासा (प्रिवेंटिव ऑफ एंटी सोसियल एक्टिविटी एक्ट) भी लगाया जाएगा।
पासा कानून के अनुसार बिना किसी सार्वजनिक प्रकटीकरण के एक वर्ष तक की अवधि के लिए हिरासत में रखा जा सकता है। मिश्रा ने बताया कि इन बदमाशों से जुड़े लोगों से भी पुलिस को पूछताछ करने के लिए कहा गया है। गैंग को ऑपरेट करने वाले, इन बदमाशों को शरण देने, आर्थिक सहायता करने की बात सामने आएगी तो उनके खिलाफ भी कड़ा एक्शन लिया जाएगा। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर पता लगाया जाएगा कि उन्होंने पेपर के लिए सबसे पहले किससे बात की। कौन उनको इस बारे में सब कुछ बता रहा था? वहीं अब तक उदयपुर पुलिस की पकड़ में आए सुरेश विश्नोई और भजनलाल को भी आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगा। सुरेश ढाका और भूपेंद्र की तलाश की जा रही है। उदयपुर से जालोर और जयपुर के लिए टीमें रवाना की गई, जो लगातार दबिश दे रही है।
हैड मास्टर समेत 4 कर्मचारी सस्पेंड
सरकार ने भी पेपर लीक मामले में शनिवार रात को एक्शन दिखाया। हेड मास्टर सुरेश कुमार, वरिष्ठ शिक्षक रावताराम, कनिष्ठ सहायक पुखराज और ग्रेड सेकेंड टीचर भागीरथ को निलंबित किया गया है। इनको बर्खास्त करने की तैयारी की जा रही है।
जानें क्या है पासा
ऐसे व्यक्ति जिनकी ओर से किए गया अपराध समाज को प्रभावित करता हैं। उनके खिलाफ इस एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। यह एक्ट जनवरी 2021 में पेश किया गया था। कानून के अनुसार बिना किसी सार्वजनिक प्रकटीकरण के एक वर्ष तक की अवधि के लिए हिरासत में रखा जा सकता है।
क्या है एनएसए
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980 में बनाया गया था। यह कानून देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित हैं। यह कानून केंद्र और राज्य सरकार को ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार करने का आदेश देता है, जिनकी वजह से बड़ा समूह या समाज प्रभावित होता है। पुलिस इन बदमाशों को बिना बताए गिरफ्तार कर सकती है। इसके लिए पुलिस को पब्लिकली जानकारी देने की जरूरत नहीं होती।
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