हनुमानगढ़ के टाउन थाना क्षेत्र के किशनपुरा दिखनादा गांव से पिछले 11 दिनों से लापता व्यक्ति और पंजाब के अबोहर क्षेत्र निवासी उसके साले का शव शुक्रवार को इंदिरा गांधी नहर में आपस में बंधे हुए मिले। इनके मोबाइल फोन, कपड़े और बाइक 19 दिसम्बर को गांव लखूवाली के पास इंदिरा गांधी नहर के किनारे मिले थे।
शुक्रवार को दोनों के शव मिलने की सूचना पर टाउन पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शवों को नहर से बाहर निकलवाकर अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचाया। टाउन थाना प्रभारी दिनेश सारण ने पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच मुआयना किया।विक्रम पुत्र बलराम कुम्हार निवासी किशनपुरा दिखनादा ने बताया कि उसके पिता बलराम (46) पुत्र रामजीलाल और मामा मंगतूराम (35) पुत्र ताराचन्द निवासी ढाबा तहसील अबोहर जिला फाजिल्का पंजाब 19 दिसम्बर को शाम करीब 5 बजे बिना बताए बाइक पर घर से चले गए।
तलाश करने पर इंदिरा गांधी नहर परियोजना लखूवाली हेड के पास नहर की पटरी पर बाइक, मोबाइल और चद्दर मिली। नहर में गिरने की आशंका के चलते तलाश शुरू की गई। शुक्रवार को सुबह नहर में उसके पिता और मामा का शव आपस में बंधा हुआ मिला। विक्रम के अनुसार उसके पिता और मामा ने 18 दिसम्बर को उसे बताया था कि उसके पिता और चाचा को बाबूसिंह पुत्र प्रतापसिंह, जगतार सिंह पुत्र मलकीत सिंह, अवतार सिंह पुत्र मलकीत सिंह, मलकीत सिंह की पत्नी, सुखदेव सिंह पुत्र दर्शनसिंह निवासी किशनपुरा दिखनादा से करीब 20-21 लाख रुपए लेने है। यह राशि उसके पिता, मामा और चाचा की कमाई है। तब उसके पिता ने बताया था कि दो दिन पहले पंचायत भी हुई थी, जिसमें रामकुमार पुत्र बेगचन्द, राजेश पुत्र लक्ष्मण राम, सरजीत पुत्र रामजीलाल के सामने बाबूसिंह ने कहा था कि वे उनके पैसे नहीं देंगे, अगर दोबारा पैसे मांगे तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे।
इसी बात को लेकर उसके पिता और मामा मानसिक रूप से परेशान रहने लगे। इसी परेशानी के चलते दोनों ने नहर में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। विक्रम ने बाबूसिंह पुत्र प्रतापसिंह, जगतार सिंह पुत्र मलकीत सिंह, अवतार सिंह पुत्र मलकीत सिंह, मलकीत सिंह की पत्नी, सुखदेव सिंह पुत्र दर्शनसिंह निवासी किशनपुरा दिखनादा के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
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