सिरसा, अतिरिक्त उपायुक्त डा. आनंद कुमार शर्मा ने कहा कि जिला को नशा मुक्त करने के लिए सभी का सहयोग अपेक्षित है। नशा कारोबार पर रोक में मेडिकल स्टोर संचालक की अहम भूमिका होती है।
इसलिए केमिस्ट बिना किसी डॉक्टर की पर्ची के दवा न दें। इसके साथ ही अपने स्टोर में दवाइयों के अलावा दवाई लेने वाले का रिकॉर्ड रखें।
अतिरिक्त उपायुक्त डा. आनंद कुमार शर्मा मंगलवार को नशा मुक्त अभियान के तहत जिला के मेडिकल स्टोर संचालकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।इस दौरान उन्होंने सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को जिला को नशा मुक्त बनाने के लिए निर्धारित किए लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सहयोग बारे कहा, वहीं उन्होंने कानून के साथ-साथ सामाजिक दायित्व निभाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टोर संचालक बिना डॉक्टर की पची के किसी को भी दवा न दें। इसके साथ ही बार-बार एक ही पर्ची पर भी दवाई न दें। उन्होंने कहा कि कमेस्टि अपने स्टोर में मेडिकल दवाओं का पूरा रिकॉर्ड रखें। होल सेलर बिना लिखित ऑर्डर के कमेस्टि को दवाई न दें।
उन्होंने कहा कि ड्रग कंट्रोल को निर्देश दिए कि वे सभी कमेस्टि के लाइसेंस जांच करें। ा
अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी कमेस्टि से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि यदि कोई केमिस्ट नशा की दवा बेच रहा है, तो दूसरे मेडिकल स्टोर संचालक इसकी सूचना प्रशासन को तुरंत दें, ताकि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सके। इस अवसर पर एसयूटी यश जालुका, डीएसपी संजय बिश्राई,डा. रजनीश सहित मेंिडकल स्टोर संचालक उपस्थित थे।
दस गांव चिन्हित, 26 तक नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य :
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिला को नशा मुक्त बनाने की दिशा में दस गांवों को चिन्हित किया गया है। इन गांवों को 26 जनवरी तक नशा से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इन गांवों में झोपड़ा, शाह सतनामपुरा, तिलोकेवाला, मोजगढ, चकजालू, गुसाईयाना, सूबा खेड़ा, कमाल, जीवन नगर व दरियावाला शामिल है।
दस गांव चिन्हित, 26 तक नशा मुक्त बनाने का लक्ष्य :
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिला को नशा मुक्त बनाने की दिशा में दस गांवों को चिन्हित किया गया है। इन गांवों को 26 जनवरी तक नशा से मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इन गांवों में झोपड़ा, शाह सतनामपुरा, तिलोकेवाला, मोजगढ, चकजालू, गुसाईयाना, सूबा खेड़ा, कमाल, जीवन नगर व दरियावाला शामिल है।
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