बड़ी खबर-: सिरसा कोर्ट ने बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को सुनाई फांसी की सजा

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बड़ी खबर-: सिरसा कोर्ट ने बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को सुनाई फांसी की सजा

सिरसा में नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले एक कलयुगी बाप को कोर्ट ने फांसी की सुनाई है।  अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय सिरसा ने फैसला सुनाते हुए पीड़िता को 5 लाख रुपए मुआवजा भी देने के आदेश दिए हैं।

 सिरसा महिला थाने में इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था। महिला थाने सिरसा में पीड़िता की मां ने सूचना देकर बताया था कि 26 सितंबर की रात शराब के नशे में उसके पति ने उसके साथ झगड़ा किया और उसे घर से निकाल दिया। उस वक्त घर में उसके दो बच्चे, 12 वर्षीय एक बेटी और छोटा बेटा सोए हुए थे। उसने पुलिस को बताया था कि उस रात शराब के नशे में उसके पति ने अपनी नाबालिग बेटी को हवस का शिकार बना लिया।  


सुबह जब वह घर लौटी तो उसकी बेटी ने रात को हुए घटनाक्रम की जानकारी अपनी मां को दी। पुलिस को सूचित किए जाने के बाद पुलिस ने पीड़ित बच्ची के ब्यान दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी थी। वीरवार को  इस मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी पिता को फांसी की सजा के साथ-साथ पीड़िता को 5 लाख रुपए मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं।


अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद दोषी फफक-फफक कर रोने लगा और रहम की गुहार लगाने लगा। जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत में चले अभियोग के मुताबिक बीती 26-27 सितंबर 2020 की रात को दोषी ने शराब पीकर अपनी पत्नी से झगड़ा किया। जिसके बाद उसकी पत्नी पड़ोस के घर में जाकर सो गई। रात को उसके पास उसका छोटा बेटा व बेटी सोए हुए थे। रात के समय में अपनी 11 वर्षीय बेटी से दो बार दुष्कर्म किया। पहले दिन तो बेटी ने डर के मारे किसी को घटना के बारे में नहीं बताया। बाद में पीड़िता के बयान पर महिला थाना सिरसा पुलिस ने 28 सितंबर 2020 को मामला दर्ज किया। अदालत में करीब दो साल तक चले अभियोग के बाद वीरवार को अदालत ने आरोपित को दोषी करार दे दिया

पोक्सो एक्ट के तहत मृत्युदंड की सजा सुनाने का सिरसा जिले का यह पहला मामला है। इस मामले में उप जिला न्यायवादी राजीव सरदाना ने बताया कि दोषी ने अपना बड़ा बेटा अपने भाई को गोद दिया हुआ है जबकि एक बेटा-बेटी उसके साथ रहते थे। अदालत ने इसे रेयरेस्ट केस माना है। पीड़ित बच्ची को घटना के बाद चाइल्ड केयर सेंटर बहादुरगढ़ में छोड़ा हुआ है। इस मामले में जिला लीगल सर्विस अर्थारिटी द्वारा पीड़िता को पांच लाख का मुआवजा दिया जाएगा, उसे जल्द ही मुआवजा दिलवाने का प्रयास करेंगे। इसके साथ ही दोषी पर अदालत ने 50 हजार जुर्माना लगाया है। वहीं इस मामले में अधिवक्ता चंद्रलेखा ने कहा कि एक अधिवक्ता के तौर पर उन्होंने दोषी का बचाव किया पंरतु एक औरत और मानव होने के नाते वे अदालत के इस फैसले की सराहना करती है।

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