करनाल जिले में प्रेमी ने अपनी प्रेमिका से छुटकारा पाने के लिए उसकी हत्या करके उसके शव को बोरे में डाल कर नाले में फेंक दिया। मामले का खुलासा आरोपी ने खुद पुलिस पूछताछ में किया। फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है आज पुलिस आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। वहीं रेनू के शव का आज पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप जाएगा।
बता दें कि करनाल के न्यू प्रीतम नगर की रहने वाली आशा वर्कर रेनू मूल रूप से समालखा की रहने वाली थी। साल 2005 में करनाल के न्यू प्रीतम नगर के रहने वाले परविंद्र के साथ उसकी शादी हुई थी। दो महीने पहले रेनू 19 सितंबर को अपने घर से सुबह कोट मौहल्ला के पास रामगली डिस्पैंसरी में ड्यूटी के लिए अपनी स्कूटी पर निकली थी और घर पर अपने पति को बोल कर गई थी कि वह 10 बजे तक वापस आ जाएगी लेकिन जब शाम पांच बजे तक भी वह घर वापस नहीं पहुंची। जिसके बाद परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। जब वह नहीं मिली तो पुलिस में लापता की शिकायत दर्ज कराई गई थी। परिजनों ने यूपी निवासी एक आरोपी पर संदेह जताया था। जिसके बाद अब दो दिन पहले ही पुलिस ने आरोपी रविन्द्र को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
4 साल से चल रहा था रेनू के साथ आरोपी का प्रेम प्रंसग
जांच में सामने आया है कि यूपी निवासी रविन्द्र पिछले काफी समय से करनाल में काम रहा था। रेनू का पिछले चार साल से रविन्द्र के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। आठ माह पहले किसी बात को लेकर इन दोनों में झंगडा हुआ था। जिसके बाद रेनू ने रविन्द्र की शिकायत पुलिस में भी की थी। रेनू अब भी उससे प्रेम करती थी। लेकिन अब वह इस रिश्ते को खत्म करना चाहता था। जिसके चलते उसने बीती 19 सिंतबर को उसकी हत्या करके उसके शव को बोरी में डालकर उसके गंदे नाले में फेंक दिया था।
मृतिका के भाई विनोद कुमार ने बताया कि उसकी बहन रेनू का करीब आठ माह पहले पड़ोस में ही फर्नीचर की दुकान पर काम करने वाले यूपी निवासी रविंद्र के साथ झगड़ा हो गया था। जिसके बाद उसकी बहन ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उसके बाद से रविंद्र उससे खार खाए बैठा था। जब उसने उसकी मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई तो लापता होने से एक दिन पहले उसी का कॉल आया हुआ था।
लातपा होने के 6 दिन बाद नहर से मिली थी स्कूटी
मृतका के परिजनों ने बताया कि जब रेनू लापता हुई थी तो उसके करीब छह दिन बाद उसकी स्कूटी पुलिस को मधुबन पक्के पुल के पास से बरामद हुई थी। जिसके बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जताते हुए पुलिस को जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की थी लेकिन चुनाव होने के चलते पुलिस इस मामले में अधिक ध्यान नहीं दे पाई। जिससे यह बड़ा हादसा हो गया।
जांच अधिकारी नरेश कुमार ने बताया कि परिजनों की संदेह पर आरोपी यूपी निवासी रविंद्र को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। जिसने गहनता से पूछताछ के दौरान मधुबन के पक्के पुल के पास बोरी में शव पड़े होने की बात कबूली थी। जिसके बाद टीम आरोपी को लेकर मौके पर पहुंची और बुधवार देर शाम को बोरी में से आशा वर्कर के शव को बरामद किया गया।
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