Pitru Paksha 2022 । हिंदू धर्म में दान के महत्व को विस्तार से बताया गया है। सभी तरह के दान में गोदान को सबसे श्रेष्ठ बताया गया है। मान्यता है कि गाय में सभी देवताओं का वास होता है और गाय का दान करने से सभी तरह के कल्याण होते हैं। इसके अलावा यह भी धार्मिक मान्यता है कि गाय के सींगों में ब्रह्मा और विष्णु का निवास है। गाय के सिर में महादेव, माथे पर गौरी और नथनों में कार्तिकेय का वास है। गाय की आंखों में सूर्य-चंद्रमा, नाक में कम्बल और अश्वतर नाग, कानों में अश्विनी कुमार, गाय के दांतों में वासुदेव, जीभ में वरुण और गले में देवराज इंद्र, बालों में सूर्य की किरणें, खुर में गंधर्व, पेट में पृथ्वी और चारों थनों में चारों
रहते हैं। गोमूत्र में गंगा और गोबर में यमुना का निवास माना है।
धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति गोदान कर रहा है, उसे समस्त देवताओं का आह्वान करना चाहिए और इसके बाद षोडशोपचार से गाय का पूजन करना चाहिए। गोदान करने से पहले गाय को वस्त्र पहनाकर पूर्ण श्रद्धा के साथ सपत्नीक गाय का पूजन करना चाहिए।
इसलिए है गोदान का महत्व
जो लोग श्रेष्ठ मृत्यु चाहते हैं, अलंकृत विमान के जरिए अपने परमात्मा के पास पहुंचना चाहते हैं, उन्हें गोदान जरूर करना चाहिए। इसके अलावा गोदान करने से पितृ मोक्ष भी होता है, इसलिए हिंदू धर्म में सभी मनुष्यों को जीवन में एक बार यह दान जरूर करना चाहिए।
ऐसे व्यक्ति को करना चाहिए गोदान
गोदान किस व्यक्ति को करना चाहिए, उसके बारे में विस्तार से बताया गया है। कहा गया है कि ब्राह्मण को किया गया गोदान ही सही होता है। मगर इसके लिए भी एक शर्त है कि गोदान का अधिकारी वही व्यक्ति है जो अंगहीन न हो, यज्ञ करवा सकता हो, जिसकी पत्नी जिंदा हो और जिसका भरा पूरा परिवार हो ताकि गौ माता की सेवा कर
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ऐसी गाय का दान देता है फल
किसी भी जातक को ऐसी गाय का दान करना चाहिए जो वृद्ध नहीं हो। उसके सींग और खुर चमकदार हो। गाय के साथ सोने या कांस्य के बर्तन में घी-दूध और तिल डालकर कुश के साथ उस गाय की पूंछ पर रखकर दान करना चाहिए। दान की पूर्णता के लिए गाय के साथ ही यथा शक्ति धन या सोने का भी दान करना चाहिए।
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