बांसवाड़ा-उदयपुर मार्ग पर जिले के लोहारिया थाना अंतर्गत लसाड़ा में मंगलवार सुबह एक डंपर ने आगे जा रही कार को टक्कर मार दी। इससे कार बेकाबू होकर बिजली का पोल तोड़ते हुए सडक़ किनारे तालाब में जा गिरी। डूबने से मां-बेटे सहित कार मालिक की मौत हो गई। पुलिस ने पोस्टमार्टम करा कर शव परिजनों को सौंपे।
पुलिस के अनुसार अमृतिया निवासी हरवीरसिंह (42) वर्ष पुत्र तेजसिंह चुंडावत कार से आसपुर से बांसवाड़ा जा रहा था। उसके साथ रिश्तेदार डडूका निवासी कृष्णा कुंवर (30) पत्नी गजेन्द्रसिंह सोलंकी व उसका बेटा परमजीत सिंह उर्फ पीटर (7) भी था। मंगलरार सुबह लसाड़ा के समीप तेज गति से आ रहे डंपर ने पीछे से कार को टक्कर मार दी। कार अनियंत्रित होकर बिजली के पोल को तोड़ते हुए सड़क किनारे तालाब में जा गिरी।
हादसे के बाद चीख-पुकार सुनकर मौके से गुजर रहे और आसपास के लोग दौड़े। पानी में गिरी कार को मार्ग से गुजर रहे वाहन से तार बांधकर करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद निकाला । कार सवार तीनों को कांच तोड़कर बाहर निकाला। इसके बाद एम्बुलेंस बुलवाकर पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। जहां प्राथमिक उपचार के बाद राजकीय चिकित्सालय सागवाड़ा भिजवाया, जहां चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
हादसे के बाद डंपर चालक मौके से फरार हो गया। सूचना पर लोहारिया थानाधिकारी पूरणमल मीणा पहुंचे। मोर्चरी में तीनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा। वहीं कार को क्रेन से तालाब से निकाला गया और इसके बाद थाने पहुंचाया। मृतक हरवीरसिंह के भाई महावीरसिंह चुण्डावत ने अज्ञात डंपर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
सोमवार को मनाया था जन्मदिन हादसे का शिकार हुए सात साल के परमजीत सिंह का सोमवार को ही जन्मदिन मनाया था और अगले ही दिन हादसे में उसकी मौत हो गई। बताया गया कि मृतका कृष्णा कुंवर का पति गजेंद्रसिंह कुवैत में है। उसके आने के बाद ही मृतका व बेटे परमजीत के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उसकी बेटी गांव गढ़ानाथजी में मामा के पास रहती है। वहीं जिले के अमृतिया निवासी मृतक हरवीरसिंह का एक बेटा युद्धवीर सिंह (21) और एक बेटी सुमन (18) है। युद्धवीर जयपुर में रहकर रीट की तैयारी कर रहा है। बेटी सुमन प्रथम वर्ष में अध्ययनरत है। हरवीर के पिता सेवानिवृत्त थानेदार हैं।
पालोदा पहुंचने से पहले ही हादसा जानकारी के अनुसार हरवीर सिंह अपने किसी काम से बांसवाड़ा जा रहा था। इस दौरान कृष्णा कुंवर अपने पीहर गढ़ानाथजी गई थी और उसे डडूका ससुराल लौटना था। मृतका के पिता महिपालसिंह ने हरवीर सिंह को बेटी और नाती को उसके ससुराल छोडऩे को कहा । वहीं मृतका के जेठ उन्हें लेने पालोदा तक आ रहे थे, किन्तु इससे पहले ही हादसे में तीनों की दर्दनाक मौत हो गई।
हर आंख हुई नम हादसे में तीनों की मौत की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में लोग सागवाड़ा अस्पताल परिसर में एकत्र हो गए। हादसे के बाद हर आंख नम दिखी। वहीं अमृतिया, गढ़ा नाथजी व डडूका में चूल्हे भी नहीं जले। पालोदा/डडूका/सागवाड़ा।
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