चौपटा/सिरसा। पढ़ें लिखे युवा किसान नौकरी की दौड़ में ना लग कर परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक तरीके से बागवानी, सब्जियां लगाकर और पशुपालन इत्यादि द्वारा आमदनी बढ़ाने का जरिया खोज रहे हैं। आधुनिक तरीके से खेती करने वाले किसानों का स्पष्ट कहना है कि खुद का रोजगार स्थापित करने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी रोजगार दिया जा सकता है। कड़ी में गांव बुर्ज भंगू (सिरसा) के 25 वर्षीय युवा किसान मनदीप बिश्नोई ने पढ़ाई पूरी करने के बाद 2 साल पहले में 2 एकड़ जमीन में पपीता लगाकर बागवानी शुरू की। जिससे उसे पहले साल में ही अच्छी आमदनी हुई और उसके बाद बागवानी का दायरा बढ़ाकर किन्नू और आडू के पौधे लगाए। इन दो एकड़ के चारों तरफ चंदन के वृक्ष लगाकर स्थाई आमदनी का साधन बना लिया। मनदीप बिश्नोई का कहना है कि परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक तरीके से खेती करने पर रोजगार के काफी अवसर पैदा किए जा सकते हैं। इनका कहना है कि किसानों के पढ़े लिखे बच्चों को रोजगार मांगने की बजाय लोगों को रोजगार देने वाला बनना चाहिए।
पढ़ाई करने के बाद आधुनिक तरीके से खेती की जानकारी लेकर शुरू की बागवानी
गांव बुर्ज भंगू के युवा किसान मनदीप पुत्र दिनेश कुमार ने बताया कि परंपरागत खेती से बचत कम और लागत ज्यादा हो रही थी। उसने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद रोजगार के लिए दर-दर भटकने की बजाए खेती से ही रोजगार के अवसर पैदा करने का मन बनाया। इसके लिए 1 साल तक बागवानी, सब्जियां पशुपालन इत्यादि के बारे में कई स्थानों पर जाकर जानकारियां हासिल करनी शुरू की। फिर 2 साल पहले उसने अपने मेंडि'स ओरचढ फार्म में 2 एकड़ जमीन में रेड लेडी ताइवान किस्म पपीता के 2000 पौधे लगाए। इनको अहमदाबाद से लेकर आया। उन्होंने बताया कि अन्य बागवानी से पैदावार करीब 3 साल बाद शुरू होती है लेकिन पपीते से 9 महीने बाद कमाई शुरू हो जाती है। इसलिए जल्दी आमदनी बढ़ाने के लिए उसने पपीते से बागवानी का व्यवसाय शुरू किया। इसके बाद उसी जमीन में इंटर करोप विधि से सीडलेस किन्नू के 230 पौधे लगा दिए। यह किन्नू बिना बीज का होता है और रस भी ज्यादा होता है। इसके साथ साथ ही साने पंजाब वैरायटी आडू के पौधे लगाकर मिक्स बागवानी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि इससे उसकी बागवानी में हर मौसम में फल मिलने शुरू हो जाएंगे जिससे पूरे साल कमाई होती रहेगी। उन्होंने बताया कि इस 2 एकड़ जमीन के चारों तरफ 100 पौधे चंदन के रोपित कर दिए जिसे चंदन की लकड़ी काफी कीमती होती है और यह स्थाई आमदनी का साधन भी है। उन्होंने बताया कि अब उसे अच्छी कमाई होने लगी है इसलिए इस बार 5 एकड़ जमीन में बागवानी और सब्जियां लगाकर कमाई का दायरा बढ़ाने का मन बना लिया है। इस बागवानी में कई लोगों को रोजगार भी मिलने लगा है। बताया कि उसने ठान लिया है कि रोजगार मांगने की बजाय रोजगार देने वाला ही बनना है। और इसी के तहत बागवानी में कड़ी मेहनत और लगन से आत्मनिर्भर बनकर अन्य लोगों को भी रोजगार के अवसर मुहैया करवाने लगा है।
सरकार की सहायता से खेत में बनाईं पानी की डिग्गी, ड्रीप सिस्टम से करता है सिंचाई दो
मनदीप बिश्नोई ने बताया कि उन्होंने सरकार की सहायता से मेंडि'स ओरचढ फार्म खेत में पानी की डिग्गी बना ली है जिसमें पानी एकत्रित कर लिया जाता है। और जब जरूरत होती है तो उस पानी से ड्रिप सिस्टम द्वारा सिंचाई कर पौधों को खाद और पानी सीधा जड़ो में दिया जाता है जिससे एक तो पानी की बचत होती है और पौधों को जरूरत के हिसाब से पानी व खाद इत्यादि मिल जाती है । यह सब सरकार के सहयोग से मिला है।
बुर्जभंगू के आसपास में मंडी व वैक्सिंग प्लांट लगाया जाए
मनदीप बिश्नोई ने बताया कि उसके गांव से फलों की मण्डी दूर पड़ती है। जिससे फलों को वहां ले जाकर बेचने में यातायात खर्च ज्यादा आता है। तथा बचत कम होती है। इसके अलावा नजदीक में कोई वैक्सिंग प्लांट भी नहीं है जिसमें की फलों को संभाल कर रखा जाए। उसका कहना है कि अगर फलों व सब्ज़ियों की मण्डी नजदीक में विकसित हो जाए तो यातायात खर्च कम होने से बचत ज्यादा हो जाएगी। तथा एक वैक्सिंग प्लांट लगाया जाए।
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