पिता ने एक गाय खरीद कर शुरू किया दूध बेचने का व्यवसाय, बेटे ने दूध से बनाई मिठाइयां, दुग्ध उत्पाद बने लोगों पहली पसंद, अब हो रही डेढ़ लाख रुपए प्रति महीना कमाई

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पिता ने एक गाय खरीद कर शुरू किया दूध बेचने का व्यवसाय, बेटे ने दूध से बनाई मिठाइयां, दुग्ध उत्पाद बने लोगों पहली पसंद, अब हो रही डेढ़ लाख रुपए प्रति महीना कमाई

नरेश बैनीवाल (9896737050)Choptaplus  चौपटा (सिरसा) राजस्थान की सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र के किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ आधुनिक तरीके से बागवानी, पशुपालन, सब्जियां इत्यादि लगाकर अपने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बना रहे हैं। यह क्षेत्र राज्य के अंतिम छोर पर पड़ने के कारण हमेशा ही नहरी पानी की कमी से जूझता रहता है,  क्षेत्र के किसान आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि साथ अन्य व्यवसायों में नए-नए तरीकों की खोज करने में लगे रहते हैं इसी कड़ी में  


क्षेत्र के अंतिम छोर पर पड़ने वाले गांव जोड़कियां ( सिरसा) के किसान अजय कुमार चुरणियां ने अपने पिता रोहतास चुरणिया द्वारा शुरू किए गए किए गए खेती के साथ-साथ गाय पालन कर दूध बेचने के व्यवसाय को आधुनिक तकनीक से डेयरी फार्मिंग कर  कमाई का दायरा बढ़ाया है। किसान अजय कुमार अपनी 15 पालतू गायों के दूध के साथ साथ आसपास के 200 किसानों व पशुपालकों से दूध एकत्रित कर अपनी डेयरी एकेसी फूड्स में दही, पनीर व मिठाइयां बायो प्रोडक्ट तैयार कर बेचता है जिससे उसे डेढ़ लाख रुपए प्रति महीना कमाई हो रही है।  


 किसान अजय कुमार द्वारा आधुनिक तरीके से स्वदेशी उत्पाद को क्षेत्र के लोग काफी पसंद कर रहे हैं । और विवाह, शादी या अन्य अवसरों पर मिठाइयां दही, पनीर और घी यही से ले जाते हैं। किसान द्वारा खुद के रोजगार से आत्मनिर्भर बनने के साथ-सथ करीब 15 अन्य लोगों को भी रोजगार मुहैया करवा रहा है ।


पिता ने खेती के साथ गाय पालन कर  दूध बेचने का व्यवसाय शुरू किया बेटे ने आधुनिक तरीके से आगे बढ़ाया
गांव जोड़ियां के किसान अजय कुमार चुरणियां ने बताया कि उसके पिता रोहताश कुमार ने 1996 में एक गाय खरीद कर खेती के साथ-साथ  गाय का दूध बेचने का व्यवसाय शुरू किया । धीरे धीरे गायों की संख्या बढ़ाकर 15 से ज्यादा गाय रखने लगे। उसने बताया कि साल 2008 पिता के व्यवसाय को आगे बढ़ाने का मन बनाया और दूध के प्रोडक्ट घर पर ही तैयार कर बेचने का फैसला किया। जिस कारण पूरी तरह स्वदेशी उत्पाद बनाने के लिए जानकारियां हासिल करनी शुरू की। धीरे धीरे व्यवसाय को बढ़ाकर आधुनिक तरीके से डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय शुरू किया।

 जिसमें दही, पनीर, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, आइसक्रीम, कुल्फी सहित कई प्रकार के उत्पाद तैयार करने लगा। स्वदेशी तरीके से बने उत्पाद आसपास के लोगों को काफी पसंद आने लगे। उसने बताया कि धीरे धीरे आसपास के क्षेत्र के अन्य किसानों व पशुपालकों से दूध एकत्रित कर दूध के बने उत्पाद बढ़ाने का दायरा बढ़ा दिया। अब हर रोज करीब 4000 लीटर दूध से दूध के उत्पाद बनाता है जिससे उसे 5000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से कमाई होने लगी। वर्तमान में डेढ़ लाख रुपए प्रति महीना कमाई हो रही है। इसके साथ ही उसने 15 लोगों को रोजगार मुहैया करवाया है। अजय कुमार ने बताया कि इसमें सरकार द्वारा उसे कोई सहयोग नहीं मिला है खुद के पैसे से ही अपने कार्य को आगे बढ़ा कर आत्मनिर्भर बना है। अजय कुमार का कहना है कि खेती के साथ-साथ पशुपालन व्यवसाय को अपनाकर दूध के उत्पाद बनाकर बेचने से काफी फायदा होता है ।   

 किसान अजय कुमार ने बताया कि वह अपने घर में ही लगाए गए डेयरी फार्मिंग प्लांट के सी फूड्स में दही, पनीर, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, आइसक्रीम, कुल्फी सहित कई प्रकार की मिठाइयां बनाता है और अपने खर्चे से ही शीत करण सिस्टम लगाया हुआ है जिससे दूध के बने उत्पाद खराब नहीं होते। इसके लिए अपनी 15 पालतू गायों के दूध के साथ साथ आसपास के गांवों के 200 किसानों को अपने व्यवसाय के साथ जोड़कर दूध एकत्रित करता है। 

किसान अजय कुमार ने बताया कि कृषि व्यवसाय के साथ अन्य व्यवसाय करने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है । लेकिन सरकार द्वारा ऋण सुविधाओं का लाभ लेने के लिए कई कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है जिससे किसान को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर ऋण सुविधा का सरलीकरण किया जाए तो कई किसान कृषि के साथ अन्य व्यवसाय अपना कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।  

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