फिटकरी का रासायनिक नाम पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट है। यह क्रिस्टल की तरह होती है। फिटकरी को अंग्रेजी में एलम कहते हैं।
यह औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें एंटीबायोटिक, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी इंफ्लेमेटरी और एस्ट्रिंजेंट गुण होते हैं। इन गुणों की वजह से फिटकरी का उपयोग कई रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है।
चोट लगने पर
फिटकरी लगाएं-- छोटी-मोटी चोट लगने पर
घाव या चोट पर कुछ भी करने की बजाय सबसे पहले उसे फिटकरी के पानी से धो लें। ऐसा
करने से घाव से निकलने वाला खून बंद हो जाएगा। फिटकरी के पाउडर को भी घाव पर लगाया
जा सकता है, लेकिन फिटकरी के
पानी से घाव को साफ करना बेहतर उपाय है।
पसीने की बदबू
दूर करे-- शरीर पर जमी गंदगी और
पसीने की बदबू को खत्म करने के लिए फिटकरी के पानी से नहाना बहुत अच्छा है। जिन
लोगों को ज्यादा पसीना आता है उनके लिए फिटकरी का इस्तेमाल फायदेमंद है। उन लोगों
को नहाते समय बाल्टी में फिटकरी डालकर उस पानी से नहाना चाहिए। इससे पसीना आने की समस्या
से निजात मिलती है।
दांत दर्द में
फायदेमंद--- माजूफल दांतों के
दर्द में फायदेमंद होता है। इसके लिए आप माजूफल और फिटकरी का पानी तैयार कर लें।
इस पानी को माउथवॉश की तरह इस्तेमाल करें। माजूफल को बारीक पीसकर इसका मंजन भी बना
सकते हैं। रोजाना माजूफल से ब्रश करने से मुंह की दुर्गंध और दर्द से छुटकारा
मिलता है। माजूफल और फिटकरी का पानी मुंह या जीभ के छालों का भी इलाज कर सकता है।
इसके लिए आप माजूफल को धीरे-धीरे चबा भी सकते हैं। मुंह में गंभीर अल्सर है,
तो डॉक्टर से कंसल्ट करना बेहतर है।
मुंहासों से
छुटकारा दिलाए---मुंहासों से
छुटकारा पाने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए माजूफल और फिटकरी
के पानी को मुंहासों पर लगा सकते हैं। दरअसल, माजूफल एस्ट्रिंजेंट की तरह काम करता है और स्किन के
एक्स्ट्रा ऑयल को कम करता है। इससे चेहरे के ओपन पोर्स कम होते हैं, साथ ही मुंहासों से भी छुटकारा मिलता है।
यूरिनरी ट्रैक्ट
इंफेक्शन ठीक करे-- यूटीआई यानी
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक आम समस्या है। वजाइना में इचिंग, जलन और इरिटेशन यूटीआई के लक्षण हैं। फिटकरी
यूटीआई के इलाज के लिए फायदेमंद है। इसके लिए गर्म पानी में माजूफल और फिटकरी को
अच्छी तरह उबाल लें। इस पानी से प्राइवेट पार्ट की सफाई करें। इससे इंफेक्शन को
खत्म करने में मदद मिलेगी और वजाइनल हाइजीन भी बनी रहेगी।
बुखार, खांसी और अस्थमा का इलाज करे---खांसी, बुखार जैसी परेशानियों को फिटकरी से ठीक किया जा सकता है। सूखी खांसी हो रही
है या खांसने पर बहुत ज्यादा बलगम है तो दोनों ही स्थितियों में फिटकरी का
इस्तेमाल फायदेमंद है। फिटकरी के पानी से गरारे कर सकते हैं। फिटकरी पर शहद लगाकर
चाटने से भी खांसी से आराम मिलेगा। फिटकरी का चूर्ण बनाकर शहद के साथ ले सकते हैं।
इसके अलावा बुखार में भी फिटकरी कारगर है। बुखार आने पर फिटकरी के पानी से नहाने
से बुखार छूमंतर हो जाता है। एक चुटकी फिटकरी का पाउडर लें, उसमें सोंठ मिलाएं और बताशे के साथ इस मिश्रण का सेवन करें।
दिन में दो बार इस उपाय को करने से धीरे-धीरे बॉडी टेम्प्रेचर कम होता है। अस्थमा
के मरीजों को खांसी आए, तो आधा ग्राम
पिसी हुई फिटकरी को शहद में मिलाकर खाएं। गले में जमा बलगम कई बीमारियों की वजह बन
सकता है। गले से बलगम साफ करने के लिए फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। बलगम
निकालने के लिए फिटकरी को शहद के साथ मिलाकर ले सकते हैं।
स्कैल्प की समस्याएं ठीक करे---स्कैल्प से जुड़ी परेशानी है, तो इसमें फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है। फिटकरी सिर के जुओं और गंदगी को हटाने में मदद करती है। इसके लिए आप फिटकरी के पानी से बालों और स्कैल्प की सफाई कर सकते हैं। फिटकरी का पानी डैंड्रफ, खुजली और जलन को भी शांत करता है।
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