सिरसा उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि जिला में नशे की बिक्री व उपयोग पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगानी सुनिश्चित की जाए, ताकि युवाओं को इस बीमारी की गर्त से बचाया जा सके। नशा मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आकर अपना हरसंभव योगदान देना होगा, तभी यह अभियान सफल बन पाएगा।
पुलिस प्रशासन द्वारा नशा संबंधी गतिविधियों के खिलाफ कड़ी मुहिम चलाकर इसकी सप्लाई चेन को तोड़ा जाए तथा किसी भी तरह की तस्करी व इसमें संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
उपायुक्त शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में जिला में नशा संबंधी गतिविधियों पर पूर्ण रूप से रोक लगाने के उद्देश्य से नारकोटिक्स समन्वय तंत्र के तहत गठित जिला स्तरीय कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन भी मौजूद रहे। उपायुक्त ने कहा कि गांव स्तर पर प्रबुद्ध लोगों के सहयोग से कमेटियां बनाई जाएं और नशा मुक्त मुहिम में इन कमेटियों का सहयोग लिया जाए। गांव की चौपालों व स्कूलों में विशेष जागरूकता मिशन के तहत कार्य करते हुए अधिक से अधिक प्रचार के साथ-साथ आमजन को जोड़ें। इसके अलावा स्कूलों व कॉलेजों में छात्रों को नशे के दुष्परिणाम के बारे में निरंतर बताया जाए ताकि उनमें जागरूकता उत्पन्न हो। युवा किशोर अवस्था में अज्ञानता के कारण नशे के चंगुल में फंस जाते हैं, इसलिए अभिभावकों व अध्यापकों को और सजग रहने की जरूरत है। अभिभावक व अध्यापक समय-समय पर बच्चों से सकारात्मक संवाद करते हुए उन्हें नशे के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक करते रहें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला में स्थित कैमिस्ट की दुकानों को हिदायत दी जाएं कि वे डाक्टर्स द्वारा परामर्श की गई दवाइयां ही मरीज को दें।
बिना परामर्श की गई दवाइयां न बेची जाएं।
बिना परामर्श की गई दवाइयां न बेची जाएं।
पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन ने कहा कि जिला को नशा मुक्त बनाने की मुहिम में नागरिक पुलिस प्रशासन का सहयोग करें। जागरुकता अभियान के साथ-साथ नशा बिक्री व तस्करों की जानकारी पुलिस को दें। जानकारी देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर संभावित नशा बिक्री क्षेत्रों का निरीक्षण करें, विशेषकर स्कूलों व कॉलेजों के आसपास निरंतर गश्त करें। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे से बचाना हम सबका नैतिक दायित्व है और सामूहिक सहयोग से ही इस बीमारी का खात्मा संभव है।
उन्होंने कहा कि नशे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध तभी संभव है जब प्रत्येक आम नागरिक अपनी नैतिक जिम्मेवारी समझते हुए जिला व पुलिस प्रशासन तक सटीक जानकारी व सहयोग उपलब्ध करवाए।
बैठक में एसडीएम ऐलनाबाद डा. वेद बेनीवाल, एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम डबवाली राजेश पुनिया, एसडीएम कालांवाली उदय सिंह, डीएसपी प्रदीप, सीएमओ डा. मनीष बंसल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में एसडीएम ऐलनाबाद डा. वेद बेनीवाल, एसडीएम सिरसा जयवीर यादव, एसडीएम डबवाली राजेश पुनिया, एसडीएम कालांवाली उदय सिंह, डीएसपी प्रदीप, सीएमओ डा. मनीष बंसल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
अवैध खनन रोकने संबंधी एसओपी के तहत की जाए कार्रवाई : उपायुक्त
- उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने अवैध खनन पर रोक को लेकर ली अधिकारियों की बैठक, दिए आवश्यक दिशा निर्देश
अवैध खनन की रोकथाम व अवैध खनन के मामलों में सख्ती से निपटने के लिए सभी हितधारकों के मार्गदर्शन के लिए खान और भूविज्ञान विभाग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है। इस एसओपी के तहत संबंधित विभाग अवैध खनन के संबंध में आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएं।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता शुक्रवार को अपने कार्यालय में पुलिस, डीटीओ, वन व खनन विभाग के अधिकारियों को अवैध खनन रोकने के संबंध में तैयार एसओपी के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस एसओपी को राज्य नियम, 2012 के प्रावधानों के अनुरूप मुख्यत: चार श्रेणियों में बांटा गया है, जिनमें अवैध खनन गतिविधियों के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और संरक्षण, शिकायत/सूचना पर अवैध खनन की जांच, वैध परमिट के बिना खनन सामग्री ले जाने वाले वाहन, खनन करने वाले खनिज रियायत धारक स्वीकृत खनन योजना/पर्यावरण मंजूरी (ईसी) की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं, शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अवैध खनन एवं पर्यावरण से संबंधित जारी हिदायतों की पालना सुनिश्चित की जाए। अवैध खनन वाले इलाकों कीे समीक्षा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से स्थल का दौरा किया जाए व अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। अवैध खनन की शिकायत मिलने पर माइनिंग व पुलिस विभाग के अधिकारियों की कमेटी तुरंत अवैध खनन स्थल का निरीक्षण करेगी, यदि अवैध खनन का क्षेत्र वन भूमि में आता है, तो इस स्थिति में वन विभाग और राजस्व विभाग का प्रतिनिधि भी कमेटी में शामिल होगा। यह टीम निरीक्षण के दौरान उस क्षेत्र की वीडियोग्राफी भी करवाएगी।
उन्होंने कहा कि जिला टास्क फोर्स की बैठक नियमित रूप से करवाई जाए तथा इसमें प्रति महीने की गई कार्यवाही रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि जो वाहन अवैध खनन में लगे हुए है उन वाहनों को भी जब्त कर जुर्माना लगाया जाये। अन्य राज्यों से लगते क्षेत्रों में अवैध खनन में लगे वाहनों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए नाके लगाये जायें। इसके अलावा, वाहनों के परमिट की भी जांच की जायेे। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के संबंध में दर्ज मामलों में भी कार्यवाही करें तथा न्यायालय में विचाराधीन मामलों की ठोस पैरवी की जाए। इस अवसर पर डीटीओ संजय सिंह, जिला वन अधिकारी नवल किशोर, डीएसपी धर्मबीर सिंह व जिला खनन अधिकारी राजेश कुमार भी उपस्थित थे। sirsanews, haryananews,
- उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने अवैध खनन पर रोक को लेकर ली अधिकारियों की बैठक, दिए आवश्यक दिशा निर्देश
अवैध खनन की रोकथाम व अवैध खनन के मामलों में सख्ती से निपटने के लिए सभी हितधारकों के मार्गदर्शन के लिए खान और भूविज्ञान विभाग द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है। इस एसओपी के तहत संबंधित विभाग अवैध खनन के संबंध में आवश्यक कार्यवाही अमल में लाएं।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता शुक्रवार को अपने कार्यालय में पुलिस, डीटीओ, वन व खनन विभाग के अधिकारियों को अवैध खनन रोकने के संबंध में तैयार एसओपी के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इस एसओपी को राज्य नियम, 2012 के प्रावधानों के अनुरूप मुख्यत: चार श्रेणियों में बांटा गया है, जिनमें अवैध खनन गतिविधियों के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की पहचान और संरक्षण, शिकायत/सूचना पर अवैध खनन की जांच, वैध परमिट के बिना खनन सामग्री ले जाने वाले वाहन, खनन करने वाले खनिज रियायत धारक स्वीकृत खनन योजना/पर्यावरण मंजूरी (ईसी) की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं, शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अवैध खनन एवं पर्यावरण से संबंधित जारी हिदायतों की पालना सुनिश्चित की जाए। अवैध खनन वाले इलाकों कीे समीक्षा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से स्थल का दौरा किया जाए व अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। अवैध खनन की शिकायत मिलने पर माइनिंग व पुलिस विभाग के अधिकारियों की कमेटी तुरंत अवैध खनन स्थल का निरीक्षण करेगी, यदि अवैध खनन का क्षेत्र वन भूमि में आता है, तो इस स्थिति में वन विभाग और राजस्व विभाग का प्रतिनिधि भी कमेटी में शामिल होगा। यह टीम निरीक्षण के दौरान उस क्षेत्र की वीडियोग्राफी भी करवाएगी।
उन्होंने कहा कि जिला टास्क फोर्स की बैठक नियमित रूप से करवाई जाए तथा इसमें प्रति महीने की गई कार्यवाही रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि जो वाहन अवैध खनन में लगे हुए है उन वाहनों को भी जब्त कर जुर्माना लगाया जाये। अन्य राज्यों से लगते क्षेत्रों में अवैध खनन में लगे वाहनों की आवाजाही पर अंकुश लगाने के लिए नाके लगाये जायें। इसके अलावा, वाहनों के परमिट की भी जांच की जायेे। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के संबंध में दर्ज मामलों में भी कार्यवाही करें तथा न्यायालय में विचाराधीन मामलों की ठोस पैरवी की जाए। इस अवसर पर डीटीओ संजय सिंह, जिला वन अधिकारी नवल किशोर, डीएसपी धर्मबीर सिंह व जिला खनन अधिकारी राजेश कुमार भी उपस्थित थे। sirsanews, haryananews,
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