अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा यह लगातार तीसरा मौका है जब ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक देश में महंगाई पर काबू पाने के लिए लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है। साथ ही बैंक ने संकेत दिए हैं आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है।
इससे पहले कल गुरुवार को रुपया एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83 पैसे की गिरावट के साथ 80.79 रुपए पर पहुंच गया था । दिसंबर 2012 में एक अमेरिकी डॉलर का रेट 51 रुपए का था ।
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) 0.95% की उछाल के साथ 111.69 पर पहुंच गया है। इसकी तुलना में यूरो 20 साल और पाउंड 29 साल के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं।
रुपए में गिरावट जारी रह सकती है , भारत में ब्याज दरें बढ़ेग ी
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज केफॉरेक्स एंड बुलियन एनालिस्ट गौरांग सोमैया के मुताबिक़ , अमेरिकी फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में और बढ़ोतरी का संकेत दिया है। इसी वजह से डॉलर मजबूत हुआ है। इसके असर से रुपया कमजोर हो रहा है। यह ट्रेंड आगे भी जारी रह सकता है। अगले हफ्ते 30 सितंबर को RBI मोनीटरी पालिसी कमेटी के फैसलों का एलान करेगा। इसमें रेपो में बढ़ोतरी की संभावना है , यानी, देश में ब्याज दरें बढ़ेगी।
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