कैंसर का आया सस्ता इलाज, स्टेज-2 के पेशेंट को भी होगा फायदा, हर साल 1 लाख महिलाओं की जान बचेगी

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कैंसर का आया सस्ता इलाज, स्टेज-2 के पेशेंट को भी होगा फायदा, हर साल 1 लाख महिलाओं की जान बचेगी


ब्रेस्ट कैंसर पर मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल की एक रिसर्च सफल हो गई है जिसके मुताबिक अब इसके मरीजों की जान सिर्फ 40 से 60 रुपए के एक इंजेक्शन से बचाई जा सकेगी. इसकी घोषणा 12 सिंतबर को पेरिस में हुए कैंसर सम्मेलन में की गई.


ब्रेस्ट या स्तन महिला के शरीर का मुख्य हिस्सा है. ब्रेस्ट का काम है कि वह अपने टिश्यू से दूध बनाए. ये टिश्यू माइक्रोस्कोपिक वेसल्स की मदद से निप्पल से जुड़े होते हैं. जब ब्रेस्ट वेसल्स में छोटे और हार्ड पार्टिकल जमने लगते हैं या फिर ब्रेस्ट के टिश्यू में छोटी गांठ बनने लगती है, इसे ही ब्रेस्ट कैंसर कहते हैं.


कैंसर के इलाज में केवल इस इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं होता. इलाज में जो महंगी दवाइयां या इंजेक्शन यूज होते थे, उसके साथ इसे लगाया जाता है. यह भी जानने वाली बात हैं कि केवल 5-10% ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को महंगे इंजेक्शन लगते हैं. 90-95% मरीजों को लाखों रुपए के इंजेक्शन या दवाइयों की जरूरत ही नहीं पड़ती है.


रिसर्च के दौरान 800 मरीजों में ये इंजेक्शन दिया गया था और 800 लोगों को नहीं दिया गया था. फिर देखा गया कि जिस ग्रुप को ये इंजेक्शन दिया गया, उनमें ठीक होने की दर 5% तक बढ़ गई. रिसर्च से यह भी पता चला है कि कुछ महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर इस इंजेक्शन की मदद से पूरी तरह से ठीक हो सकता है. आमतौर पर स्टेज-1 और स्टेज-2 में इस इंजेक्शन को देने पर मरीज को फायदा होगा. लास्ट स्टेज में इससे कोई फायदा नहीं होगा..

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