Sirsa Chopta Plus Naresh Beniwal 9896737050 चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय sirsa के फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के विद्यार्थियों ने विभाग तथा विश्वविद्यालय का नाम राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया तथा विभाग के छात्र रुबनपाल सिंह का चयन एक निजी बिस्कुट कंपनी में बतौर क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर के रूप में हुआ है।
इससे पहले विभाग की शोधार्थी डा. सनेह पुनिया का चयन अमेरीका की क्लेमसन यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ूड न्यूट्रिशन एंड पैकेजिंग साइंसिज में बतौर रिसर्च साइंटिस्ट हुआ। इसी प्रकार विभाग की छात्रा डा. मीनाक्षी शर्मा बेल्जियम के एक शैक्षणिक संस्थान के एग्रो बायोसाइंस विभाग में बतौर सीनियर रिसर्चर अपनी सेवाए प्रदान कर रही है। इतना ही नहीं फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग से स्नातकोत्तर की डिग्री करने के उपरांत तीन छात्र विभाग में बतौर सहायक प्रोफेसर अपनी सेवाए प्रदान कर रहे हैं और अनेक विद्यार्थी देशभर के सरकारी तथा निजी विश्वविद्यालयों में अध्यापन का कार्य कर रहे हैं।
इस संबंध में जानकारी देते हुए फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डा. मंजू नेहरा ने बताया कि विभाग की लैब अत्याधुनिक उपकरणों से लेस है और विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक रूप से भी दक्ष किया जाता है। उन्होंने कहा कि भोजन हर किसी के जीवन का अहम हिस्सा है। स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ खानपान होना बहुत जरूरी है। आज के दौर में जंक फूड जैसे बर्गर, पिज्जा आदि की विश्वभर में कड़ी आलोचना हो रही है। इन खाद्य पदार्थों से लोग मोटापे का शिकार बना रहे हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ रहा है।
खाद्य
उत्पादक निर्माण इंडस्ट्री प्रतिदिन अपने उत्पादों को स्वास्थ्यकारी बनाये रखने की
दिशा में प्रयत्नशील है। ऐसी परिस्थितियों में उपभोक्ता को खाद्य पदार्थों के बारे
में मूलभूत जानकारी होना अति आवश्यक होता जा रहा है। इसी वजह से इस क्षेत्र में
रोजगार की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
डा. मंजू ने कहा कि फ़ूड प्रोसेसिंग में कच्चे खाद्य पदार्थों को खाने योग्य फ़ूड आइटम्स में या फिर, फ़ूड को अन्य खाने योग्य अवस्था में बदलने के लिए आवश्यक सभी कार्य शामिल होते हैं। फ़ूड टेक्नोलॉजी में विभिन्न खाद्य पदार्थों की तरह तरह की प्रोसैसिंग शामिल होती है जिनके इस्तेमाल से खाद्य पदार्थ बाज़ार में लंबे समय तक उपयोग करने तथा बाजार में बेचने के लायक बन जाते हैं।
फ़ूड टेक्नोलॉजी के माध्यम से कच्चे खाद्य पदार्थों जैसे फल, सब्जी, दूध इत्यादि का इस्तेमाल लंबे समय तक किया जा सकता है। इस तरह की प्रोसेसिंग करने से खाद्य पदार्थ स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और उपभोक्ता को आकर्षित करने योग्य बन जाते है। वेज-नॉन वेज फूड्स को लंबे समय तक इस्तेमाल के लायक बनाये रखने के लिए देश-दुनिया में इन दिनों फ़ूड टेक्नोलॉजी का खूब इस्तेमाल हो रहा है। इस क्षेत्र में बढ़ती अपार संभावनाएं इसे आज के दौर में सबसे ज्यादा प्रभावशाली विषय बना नही है।
युवा इसे अपने भविष्य को सुरक्षित करने
की दिशा में विकल्प के तौर पर अपना रहे है। भारत जैसे देश मे जहां खाद्य पदार्थों
का उत्पादन बहुतायत है वहां खाद्य प्रोसैसिंग की अपार संभावनाएं हैं जिसको देखते
हुए सरकार भी समय की मांग के अनुरूप इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न
परियोजनाए शुरू कर रही है। फ़ूड पार्क इसी दिशा में एक कदम है।
डा. मंजू ने बताया कि फ़ूड प्रोसेसिंग में बहुत ही कौशल एवं जानकार युवा वर्ग की जरूरत है। ऐसे में कौशल युवा तैयार करने के लिए इस विषय मे विभिन कोर्स शुरू किए गए है। खाद्य विज्ञान एवं तकनीकी ऐसा ही उभरता क्षेत्र है, जहाँ आप एक एक्सपर्ट के रूप में कैरियर बनाने के साथ-साथ उद्यमिता के भी सपने साकार कर सकते हैं और योजनाबद्ध प्रयासों से कामयाब हो सकते हैं।
फूड साइंस एक उभरता हुआ क्षेत्र है। यह तेजी से हो रहे शहरीकरण और जीवनशैली
में हो रहे बदलावों के कारण बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए खाद्य
सामग्री की केमिस्ट्री और बायो केमिस्ट्री के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी
है।
उन्होंने कहा कि इसमें करियर बनाने के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित या होम साइंस में 12 वीं, स्नातक या स्नातकोत्तर पास होना अनिवार्य है। यह कोर्स 3 से 4 साल का होता है। बैचलर डिग्री करने के बाद फूड केमिस्ट्री, मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस और अन्य क्षेत्रों में एडवांस डिग्री भी कर सकते हैं। इसके अलावा डायटेटिक्स एंड न्यूट्रिशन और फूड साइंस एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में डिप्लोमा भी किया जा सकता है। अगर आपने ग्रेजुएशन कोर्स पूरा कर लिया है तो आप उपरोक्त विषयों में एमएससी भी कर सकते हैं। इस क्षेत्र में शोध अध्ययन करने की भी काफी गुंजाइश है। डा. मंजू ने कहा कि उच्च शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में अवसर भी बहुत मिलते हैं। इस क्षेत्र में शुरुआत करने पर 20 से 25 हजार रुपये प्रति माह तक वेतन मिल सकता है। पांच साल का अनुभव अर्जित करने के बाद 5 से 8 लाख रुपये सालाना तक का पैकेज मिल जाता है। इस विषय मे पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए निजी क्षेत्र के अलावा सरकारी नौकरियों के भी विभिन्न अवसर है। सरकारी नौकरी की बात की जाए तो फ़ूड इंस्पेक्टर, फ़ूड सप्लाई सबइंस्पेक्टर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, फ़ूड ऐनालिस्ट जैसे अनेक पदों पर अपार संभावनाएं हैं।
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