एक सप्ताह में ही सब्जियों के दाम दो गुना बढ़ चुके हैं। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। यहां तक की खरीदारों का कहना है कि सब्जी महंगी होने के कारण उन्हें चटनी से ही काम चलाना पड़ रहा है।
बारिश से पहले जिले की सब्जी मंडी में जिले के ही किसान भिंडी, घिया, तोरी, कद्दू, ककड़ी, टिंडा, पेठा, पालक, सहित अन्य सब्जियों लेकर पहुंचते थे। बारिश अधिक होने के कारण अब जिले के अधिक किसानों की सब्जी खराब हो चुकी हैं। ऐसे में आढ़ती आपूर्ति के लिए दूसरे राज्यों व जिलों से सब्जी मंगवा रहे है। सिरसा मंडी में इस समय पंजाब से तोरी, हरी मिर्च, आलू, घिया, भिंडी, पालक की सप्लाई हो रही है। इसके अलावा जयपुर से मटर, बंद गोभी, प्याज, हरी मिर्च पहुंची रही है। हिमाचल प्रदेश से भी टमाटर, शिमला मिर्च व खीरा की खेप पहुंच रही है।
सब्जी के रेट पहले अब
हरी मिच 80 100
टमाटर 40 60
भिंडी 40 60
शिमला मिर्च 60 100
तोरी 40 60
घिया 20 40
बैंगन 40 60
पत्ता गोभी 40 60
करेला 40 60
आलू 25 30
खीरा 40 60
अब सब्जी खरीदना काफी मुश्किल हो चुका है। जो सब्जी पहले बीस-बीस रुपये की मिलती थी। एक सप्ताह में ही वह 60 रुपये से अधिक हो चुकी है। जिसके कारण कई बार सब्जी खरीदने के दौरान भी सोचना पड़ रहा है।
सब्जी के भाव आसमान छू रहे है। जिसके कारण अब चटनी और दालों के सहारे की काम चलना पड़ रहा है। टमाटर और मिर्च के भाव भी अब तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसके कारण घर का बजट भी बिगड़ता जा रहा है।
अब पहले के मुकाबले ग्राहक कम आ रहे हैं और बचत भी उतनी नहीं हो रही है। ऐसे में घर चलाना भी मुश्किल हो चुका है। मंडी में सब्जी की कीमत आसमान छू रही है, तो सब्जी लाना भी मुश्किल हो चुका है। बारिश होने के कारण अब लोकल किसानों की सब्जी खराब हो चुकी हैं। ऐसे में आढ़तियों की ओर से दूसरे जिलों व राज्यों से हरी व अन्य सब्जियां मंगवाई जा रही है।
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