गोगामेड़ी मेला में अस्थाई दूकानों की निलामी से 3 करोड़ 25 लाख रुपये की आय

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गोगामेड़ी मेला में अस्थाई दूकानों की निलामी से 3 करोड़ 25 लाख रुपये की आय

इस बार आनलाईन निलामी के नवाचार से देवस्थान विभाग को 117 लाख का हुआ इजाफा।  #Gogamedi mela 2022


*#गोगामेड़ी।* भादरा विधानसभा क्षेत्र के गांव गोगामेड़ी में लोक देवता जाहरवीर गोगाजी महाराज की याद में भरने वाले गोगामेड़ी मेला-2022 में लगने वाले अस्थाई बाजार/भूखण्डों  की इस बार आनलाइन निलामी से निलामी से देवस्थान विभाग को करीब 03 करोड़ 25 लाख रुपये की आय हुई है, वहीं गत मेले में आफलाइन खुली निलामी से करीब 02 करोड़ 08 लाख रुपये की आमदनी हुई थी। 


गोगाजी महाराज के एक जागरुक श्रद्धालु सरदारगढिया निवासी महेन्द्रसिंह वर्मा के द्वारा समय-समय पर दिये गये सुझावों के अनुसार देवस्थान विभाग को गोगामेड़ी मेला क्षेत्र में लगने वाले अस्थाई बाजार/भूखण्डों की निलामी से पहली बार लगभग 01 करोड़ 17 लाख रुपये का राजकोषीय इजाफा हुआ है। देवस्थान विभाग उदयपुर मुख्यालय के एडीशनल कमिश्नर ओ.पी. जैन ने मेला शुभारंभ से ठीक एक दिन पहले गोगाजी के श्रद्धालु महेन्द्र वर्मा से मुलाकात कर गोगामेड़ी मेला के सफल संचालन के लिए दिए गए एक-एक सुझाव के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की और समय-समय पर दिए गए सुझावों की प्रशंसा करते हुए मेला व्यवस्था में सहयोग की अपील की।  


जिला कलक्टर हनुमानगढ नथमल डिडेल की मानिटरिंग में सुचना प्रोद्योगिकी और संचार विभाग (DoIT&C) व देवस्थान विभाग के द्वारा किये इस नवाचार से इस बार छोटे-बड़े गरीब दुकानदारों ने आनलाईन निलामी में भाग लेकर पहले से कई गुणा सस्ते दामों पर दुकानें छुड़वा कर सीधा आर्थिक लाभ उठाया है।  


जिला कलक्टर हनुमानगढ के द्वारा किये गये इस नवाचार के कारण आनलाईन खुली निलामी में भाग लेने वाले गोगामेड़ी मेला क्षेत्र के सभी छोटे-बड़े दुकानदारों में खुशी है। पहले आफलाइन निलामी से यही दुकानदार बिचौलिये व ठेकेदारों से ऊंचे दामों में दुकानें लेते थे। 


देवस्थान विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार मेला क्षेत्र में अस्थाई वाहन पार्किग स्थल से करीब 30 लाख एक हजार रूपये की सबसे अधिक आनलाईन बोली की गई है।  

गौरतलब रहे कि गोगामेड़ी मेले का 11 अगस्त को शुभारम्भ हुआ था जो पुरे एक माह तक चलेगा। मेला क्षेत्र में खिल-मखाणा के प्रसाद समेत मनिहारी, खिलौने, ढोलक, नीले घोड़े और मिट्टी व लकड़ी के बर्तनों की दुकाने सज गई है।

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