नहराणा हेड के पास टूटी नोहर फीडर नहर, फसलें जलमग्न, नोहर फीडर से राजस्थान में सप्लाई होता है सिंचाई का पानी

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नहराणा हेड के पास टूटी नोहर फीडर नहर, फसलें जलमग्न, नोहर फीडर से राजस्थान में सप्लाई होता है सिंचाई का पानी

हरियाणा में टूटी नोहर फीडर,दोनों राज्यों के पास संसाधनों के अभाव में 22 घंटे बाद 2 जेसीबी,8 ट्रैक्टर-ट्राली से शुरू किया 100 फूट कटाव को बांधना



चौपटा। नोहर फीडर नहर वीरवार  रात 9.30 नहराना हेड से एक किमी दूरी पर नोहर फीडर नहर में कटाव आ गया। जिससे आसपास के किसानों की करीब 20 एकड़ फसल जलमग्न हो गई। सूचना मिलने पर नहराना हेड से नोहर फीडर में पानी बंद कर दिया गया। लेकिन नहर 7-8 फूट खेतों में ऊंची होने के कारण 1 किमी नहर खाली होने तक 100 फूट चौड़ा कटाव आ गया। वीरवार को सूचना मिलने में एसई मूलचन्द,कार्यवाहक एक्सईएन मुकेश सिहाग,जेईएन अमित डंागी,सिरसा(हरियाणा)के एईएन मनदीप सिहाग सहित दोनों राज्यों के विभागीय अधिकारी दोपहर तक मौके पर पहुंचें। वहीं संयुक्त किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामकुमार सहारण के नेतृत्व में एनपी 11 के अध्यक्ष काशीराम ढुकिया,राजकुमार जाखड़,विक्रम डूडी,रमेश घणघस,ओमप्रकाश बिजारणियां,हनुमान सिहाग,बनवारी लाल ज्याणी सहित किसान भी पहुंच गए। लेकिन सिरसा से 15 किमी दूर से टै्रक्टर-ट्राली ओर जेसीबी ने पहुंचने में 22 घंटे का समय लगा दिया जिससें किसान गुस्सा गए। दोनों राज्यों के विभाग के पास संसाधनों की कमी के चलते बीती रात साढे नौ बजे टूटी नहर को बांधने का कार्य अगले दिन शाम 6 बजे शुरू किया गया। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टै्रक्टर-ट्राली या जेसीबी मशीन  टूटी नहर के पास पहुंचने की उचित जगह नहीं थी। इसलिए पहले आने-जाने का रास्ता बनाया ओर एक जेसीबी को ट्राली भरने ओर दूसरी को कटाव में मिट्टी भरने के लिए लगाया। एनपी 11 के अध्यक्ष काशीराम ढुकिया व राजकुमार जाखड़ ने बताया कि नहरों व माइनरों को मरम्त की अति आवश्यक्ता हैं। जिसकी तरफ सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा। विभाग नहरों व माइनरों के मरम्त के प्रस्ताव में सिमित हो गया हैं। हरियाणा के साथ राजस्थान में भी नहरेें कमजोर हो चुकी हैं। जनवरी 2022 में ढंढेला,जनानियां माइनर ओर अप्रैल में खिनानियां वितरिका नहर टूट चुकी हैं। इन्हें विभाग द्वारार 6 माह बित जाने के बाद भी पक्की नहीं की गई हैं। जो विभागीय लापरवाही हैं। 
                                         
कटाव के सामने की लाइनिंग बह गई
संयुक्त किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामकुमार सहारण ने बताया कि पानी में कटाव के सामने की लाइनिंग भी बह गई। जिस कारण बराबर बह रही बरवाली नहर को भी खतरा हो गया। जिस कारण 218 क्यू.क्षमता वाली बरवाली नहर में मात्र 140 क्यू.पानी प्रवाह किया जा रहा हैं। जिस में से नोहर फीडर में बिलकुल नहीं दिया जा रहा। नतीजन रेगुलेशन का जसाना वितरिका ,मलवानी,जनानियां माइनर का सप्ताह बित जाएगा।  
                                          
 टूटी नहर को पक्की बना पानी छोड़ेंगे
एईएन मनदीप सिहाग(सिरसा)ने बताया कि नोहर फीडर की पानी की क्षमता अधिक हैं। इसलिए टूटी नहर के कटाव को मिट्टी से भरने के बाद थैले लगाने की बजाए ईंटों से मजबूती के साथ पक्की कर पानी का प्रवाह किया जाएगा। जिससें नहर में सुरक्षित होगी।  
                                         
पानी का प्रवाह मौसम पर आधारित हैं
एसई मूलचन्द जाट ने बताया कि नहर बांधने का कार्य युद्व स्तर पर जारी हैं। नोहर फीडर में पानी का प्रवाह होना मौसम पर आधारित करेगा। पानी प्रवाह का कुछ कह नहीं सकते। इधर बरवाली नहर को खतरा होने के कारण नोहर फीडर में पानी लेने का अन्य कोई विकल्प नहीं हैं।
जेई राहुल कुमार ने बताया कि मौसम खराब होने की वजह से नहर बाधने में देरी हो रही है प्रयाश जारी है जल्द ही नहर बांध कर पानी सुचारू रूप से चला दिया जाएगा

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