जिला प्रशाशन ने बढ़ते तापमान के मद्देनजर जिला वासियों से सावधानी बरतने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में प्रत्येक नागरिक को अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना होगा।
जिला उपायुक्त ने कहा कि अगर आवश्यक न हो तो घर से बाहर न निकले और दोपहर के समय ज्यादा मेहनत के कार्य से बचें। जरूरी कार्य के लिए बाहर जाना पड़े तो सूती व ढीले कपड़ों का प्रयोग करें। शराब, चाय या कॉफी आदि का सेवन न करें। ऐसे मौसम में सत्तू, दही और छाछ का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। उन्होंने कहा कि अचानक ठंडी जगह से एकदम गर्म जगह पर न जाएं और न ही बाहर से आकर तुरंत ए.सी. अथवा कूलर में बैठे। लू से बचने के लिए भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें। बाहर का खाना तथा गर्म व मसालेदार भोजन का सेवन करने से बचें।
उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें और अनावश्यक रूप से रेल, बस व पैदल यात्रा से बचें। खाना बनाने, परोसने व खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं। बाजार में उपलब्ध पेय पदार्थों की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। गंदे-सड़े, गले व कटे फल और खुले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें भोजन व खाद्य सामग्रियों को ढक कर रखें।
उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें और अनावश्यक रूप से रेल, बस व पैदल यात्रा से बचें। खाना बनाने, परोसने व खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह से धोएं। बाजार में उपलब्ध पेय पदार्थों की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। गंदे-सड़े, गले व कटे फल और खुले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें भोजन व खाद्य सामग्रियों को ढक कर रखें।
उन्होंने कहा कि हाथ-पैरों में जलन, थकान और शरीर का तापमान बढना लू के लक्षण है। अगर लू लगने के लक्षण नजर आए तो संबंधित व्यक्ति को तुरंत ठंडक में लिटाएं और कपड़े ढीले कर दें। शिकंजी, ग्लूकोज का घोल अथवा शरबत पिलाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लू लगने की स्थिति में पेशाब करने में परेशानी महसूस हो तो घरेलू उपचार के बजाय डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें तथा बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा ना ले।
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