राजबाला के हौंसले की कहानी राजबाला की जुबानी
महिला को पहचान सीएफएल से 1 लाख 60000 रुपए का ऋण उपलब्ध करवाया, जिससे जमीन को आड रहन मुक्त करवाया
चौपटा। खंड के गांव निरबान की गरीब परिवार की विधवा महिला राजबाला ने महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिशाल कायम की है। खेतों और मनरेगा के तहत मजदूरी करने के साथ-साथ हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह बनाकर वर्षों से पुश्तैनी जमीन जो कि आड रहन पड़ी थी उसको छुड़वाया। राजबाला ने बताया की वह एक विधवा महिला है तथा किसानों के खेतो व मनरेगा में मजदूरी करके घर का जीवनयापन करती हैं। कई सालो से इनकी पुश्तैनी जमीन आर्थिक तंगी की वजह से गांव में किसान के पास आड़ रहन थी लाख कोशिश करने के बाद भी जमीन को रहन मुक्त करवाने में असमर्थ थी । 2019 से अपने गांव निरबान के हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चल रहे एकता स्वय सहायता समूह से जुड़ी।
स्वय सहायता समूहों से जुड़ने पर राजबाला के जीवन में उम्मीद की नई किरण जागी। राजबाला ने समूह की महिलाओ के सहयोग व ग्राम सखी सुमनमुकेश शास्त्री, बीपीएम भजनलाल, डीईओ मनोज बैनीवाल व जिला स्तर पर डीपीएम दयानंद जांगड़ा के मार्गदर्शन तथा जिला प्रशासन के सहयोग से उक्त महिला को पहचान सीएफएल से 1 लाख 60000 रुपए का ऋण उपलब्ध करवाया गया । सुमन मुकेश शास्त्री ने बताया कि यह राशि राजबाला को 1 साल में फसल उत्पादन पर सीएल एफ में वापिस जमा करवानी होगी। इस वित्तीय सहायता के लिए राजबाला ने हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़े खंड स्तर के कर्मचारियों /अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। Haryana राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का वित्तीय सहयोग भविष्य में राजबाला जैसी जरूरत मंद महिलाओ के लिए आर्थिक तौर पर मिल का पत्थर साबित होगा ।अपनी पुश्तैनी जमीन की स्वय सहायता समूह से मिलकर छुड़वाने की खुशी में गांव की महिलाओं को मिठाई बांटकर खुशी के पलों को यादगार बनाया । खंड संयोजक स्वच्छ भारत मिशन ( ग्रामीण)। मैनपाल सिहाग, भजनलाल, मनोज बैनीवाल ,मुकेश शास्त्री गुलाब समूह से मंजीत रानी ने बधाई दी।
फोटो। ग्रामीण महिला राजबाला को पुश्तैनी जमीन को आड रहन से छुड़वाने पर बधाई देते हुए
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