जानिए किन कारणों के आधार पर सिरसा जिला के 4 बीडीपीयो को किया गया सस्पेंड, पढ़िए पूरी खबर,,,

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जानिए किन कारणों के आधार पर सिरसा जिला के 4 बीडीपीयो को किया गया सस्पेंड, पढ़िए पूरी खबर,,,

 


विकास एंव पंचायत विभाग की ओर से सिरसा के नाथूसरी चोपटा के बीडीपीओ विवेक कुमार, रानियां के बीडीपीओ अनिल कुमार, ओढां के बीडीपीओ ओम प्रकाश और सिरसा ब्लॉक के बीडीपीओ रवि कुमार को निलंबित किया गया है। आरोप है कि उक्त सभी बीडीपीओ ने ग्रामीण क्षेत्रों में करवाए गए हाई मास्ट स्ट्रीट लाइट और अन्य काम बिना किसी टेंडर के ही करवा दिए। इतना ही नहीं जांच में और भी कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। इसे सरकारी पैसे का दुरुपयोग मानते हुए विभाग ने कार्रवाई की है।



सेवानिवृत्ति के दिन दो बीडीपीओ पर गिरी गाज
विभाग की ओर से चार बीडीपीओ को निलंबित किया गया। इनमें दो ऐसे है जिनकी शनिवार को सेवानिवृत्ति हो गई है। नौकरी के आखिरी दिन दो बीडीपीओ पर गाज गिरी है। इनमें ओढां के ओमप्रकाश और सिरसा का बीडीपीओ रवि कुमार शामिल हैं। अब विभाग आगे की कार्रवाई नियम अनुसार करेगा।
ये है मामला


बीते वर्ष दिसंबर माह में ये मामला सामने आया। जिले के सात खंडों में हाई मास्ट लाइट लगाई जानी थी। इनमें डबवाली, सिरसा, बडागुढ़ा, रानियां और ऐलनाबाद के अलावा नाथूसरी चोपटा भी शामिल थे। सूत्र बताते हैं कि नियम अनुसार ये काम विभाग से मंजूरी लेकर टेंडर आमंत्रित कर करवाया जाना था। लेकिन संबंधित खंडों के बीडीपीओ ने बीते वर्ष 23 जुलाई को कोटेशन के आधार पर दो फर्मों को काम अलॉट कर दिया। इनमें एक फर्म को ओढां, बड़ागुढ़ा और सिरसा का काम दिया गया। जबकि दूसरी फर्म को नाथूसरी चोपटा, डबवाली, ऐलनाबाद और रानियां क्षेत्र में काम करने की जिम्मेदारी दे दी गई। बताया जा रहा है कि एक हाई मास्ट लाइट की कीमत करीब 98 हजार रुपये तय कर दी गई। इस दौरान करीब पांच करोड़ से अधिक की हाई मास्ट लाइटें ग्रामीण क्षेत्रों में लगा दी गईं। गड़बड़ यहां हुई की काम शुरू होने दो माह बाद यानी जुलाई माह के दो माह बाद सितंबर 2021 में बजट और उच्च अधिकारियों की मंजूरी के लिए पत्र लिखे गए। शिकायत और खुलासे के बाद मामले की जांच विजिलेंस से करवाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर अब विभाग ने कार्रवाई की है। हालांकि अभी विभाग आगे की जांच कर रहा है। कार्रवाई बाद में होगी।
एपीओ सुभाष को भी निलंबित करने के साथ एफआईआर दर्ज करने के आदेश


ग्रामीण क्षेत्र में सोलर लाइट लगाते समय अनियमितताएं बरतने के मामले में अक्षय एवं ऊर्जा विभाग के एपीओ सुभाष कुमार को निलंबित करने के साथ-साथ उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। ये आदेश विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक ने अक्षय ऊर्जा विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि इसकी जांच चौकसी एवं गुणवत्ता नियंत्रक सैल ने की थी। जिसमें अनियमितताओं के खुलासे हुए। इसलिए विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने आदेश के बाद इनको निलंबित किया है।
विभागीय जांच के बाद मुख्यालय की ओर से 4 बीडीपीओ को निलंबित करने के आदेश आए हैं। अब इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी। इसके अलावा अन्य कुछ कर्मचारी जो संलिप्त मिले हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-अजय सिंह तोमर, उपायुक्त सिरसा।



ये है मामला 
बीते वर्ष दिसंबर माह में ये मामला सामने आया। जिले के सात खंडों में हाई मास्ट लाइट लगाई जानी थी। इनमें डबवाली, सिरसा, बडागुढा, रानियां और ऐलनाबाद के अलावा नाथूसरी चोपटा भी शामिल थे। सूत्र बताते हैं कि नियम अनुसार ये काम विभाग से मंजूरी लेकर टेंडर आमंत्रित कर करवाया जाना था। लेकिन संबंधित खंडों के बीडीपीओ ने बीते वर्ष 23 जुलाई को कोटेशन के आधार पर दो फर्मों को काम अलाट कर दिया। इनमें एक फर्म को ओढां, बडागुढ़ा और सिरसा का काम दिया गया। जबकि दूसरी फर्म को नाथूसरी चोपटा, डबवाली, ऐलनाबाद और रानियां क्षेत्र में काम करने की जिम्मेदारी दे दी गई।




बताया जा रहा है कि एक हाई मास्ट लाइट की कीमत करीब 98 हजार रुपये तय कर दी गई। इस दौरान करीब पांच करोड़ से अधिक की हाई मास्ट लाइटें ग्रामीण क्षेत्रों में लगा दी गईं। गड़बड़ यहां हुई कि काम शुरू होने दो माह बाद यानी जुलाई माह के दो माह बाद सितंबर 2021 में बजट और उच्च अधिकारियों की मंजूरी के लिए पत्र लिखे गए। शिकायत और खुलासे के बाद मामले की जांच विजिलेंस से करवाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर अब विभाग ने कार्रवाई की है। हालांकि अभी विभाग आगे की जांच कर रहा है। कार्रवाई बाद में होगी।

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