चौपटा। हरियाणा के अंतिम छोर पर पड़ने वाले शहीद निहाल सिंह गोदारा के गांव खेड़ी में पिछले 10 दिनों से पेयजल संकट गहराया हुआ है। गांव में बने जलघर के पानी की दोनों डिग्गियां खाली पड़ी है और ग्रामीण 1000 रुपये प्रति टैंकर की दर से खरीद कर पानी पी रहे हैं। बैंकर गर्मी के मौसम में एक टैंकर का पानी मात्र 3 या 4 दिन ही प्रयोग होता है। इस समय खेतों में काम का समय चल रहा है ।
ग्रामीण सुबह और शाम तो खेतों में काम में लगे रहते हैं और दोपहर को पीने के पानी के प्रबंध में लगना पड़ता है। ग्रामीण रामनिवास, कृष्ण कुमार, धर्मपाल, रामेश्वर, दरिया सिंह, बलवान सिंह, झाबर सिंह, शीशपाल, नरेश कुमार, राकेश कुमार, सावित्री देवी, मंजू देवी, किरण, सुनीता ने बताया कि पिछले 10 दिनों से जल घर से एक बार भी पानी की सप्लाई नहीं हुई है जल घर में 2 डिग्गी बनी हुई है और दोनों खाली पड़ी है। ऐसे में पीने के पानी के लिए करीब 5 किलोमीटर दूर नहर से लाना पड़ता है और वह भी बिल्कुल अशुद्ध पानी है। जिससे बीमारियां भी गांव में बढ़ने लगी है।
उन्होंने बताया कि टैंकर से पानी मंगवाना पड़ता है और टैंकर वाले एक हजार रुपए प्रति टैंकर के हिसाब से ले रहे हैं और वह भी नहर से सीधा पानी उठाया जाता है। जो की पूरी तरह से गंदा और अशुद्ध है। लेकिन प्यास बुझाने के लिए यह पानी पीना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को कई बार अवगत करवा दिया है लेकिन अभी तक समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है।
सुबह शाम खेतों में काम करते हैं दोपहर को पीने के पानी का प्रबंध
खेड़ी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि इस समय खेतों में रबी की फसल की कटाई और कढ़ाई का कार्य चल रहा है और जल घर में पानी नहीं है । ऐसे में सुबह शाम तो खेतों में काम करना पड़ता है और दोपहर को 5 किलोमीटर दूर नहरों से पानी लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने जलदाय विभाग और सरकार, प्रशासन से मांग की है कि बढ़ती गर्मी के मौसम को देखते हुए पीने का पानी का प्रबंध जल्द किया जाए।
गांव कुम्हारिया में पशुओं के पीने के पानी का संकट गहराया, जोहड़ तालाब सूखे
चौपटा। खंड के गांव कुम्हारिया में जोहड़ में पानी की कमी से पशुओं के पीने के पानी का संकट भी गहराता जा रहा है। भयंकर गर्मी में पशुओं को पानी पिलाने के लिए ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव में दो जोहड़ बने हुए हैं जिनमें एक जोहड़ तो पूरी तरह से सूख चुका है और दूसरे जोहड़ में भी पानी कम बचा है जो भी गंदा
है।
ग्रामीण महेंद्र सिंह, जगदीश, महावीर, रामकुमार, सतवीर सिंह, बलवान सिंह ने बताया कि इस समय भयंकर गर्मी पड़ रही है ऐसे में पशुओं को पानी पिलाने के लिए जोहड़ में ले जाना पड़ता है। लेकिन गांव में बने दो जोहड़ो में से एक जोहड़ तो पूरी तरह से सूख चुका है जिसमें दरारें पड़ गई है। ऐसे में दूसरे जोहड़ में भी पानी बहुत कम बचा है अभी बारिश का मौसम भी दूर है और गर्मी भी दिनों दन बढ़ती जा रही है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बढ़ती गर्मी के प्रकोप को देखते हुए पशुओं के पीने के पानी के तालाबों को पानी से भरवाया जाए।
फोटो। गांव खेड़ी में पीने के पानी ले जाता टैंकर, पीने के पानी की समस्या बताते हुए ग्रामीण,
कुम्हारिया में सूखे जोहड़ जिसमें दरारें पड़ चुकी हैं
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