Fatehabad News हत्या के 16 दोषियों को उम्रकैद, प्रेम विवाह रचाने वाले युवक की कर दी थी जून 2018 में पीट-पीटकर हत्या जानिए पूरा मामला...

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Fatehabad News हत्या के 16 दोषियों को उम्रकैद, प्रेम विवाह रचाने वाले युवक की कर दी थी जून 2018 में पीट-पीटकर हत्या जानिए पूरा मामला...

 


करीब दो साल आठ महीने और 9 दिन बाद आखिरकार धर्मबीर की हत्या के 16 दोषियों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। फतेहाबाद के 1997 में जिला बनने के 25 साल के इतिहास में यह सबसे बड़ी सजा हुई है। 

Love marriage प्रेम विवाह रचाने पर लड़की पक्ष के लोगों ने जून 2018 में युवक की पीट पीटकर हत्या कर दी थी। हत्या के 16 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। Fatehabad जिला बनने के 25 साल के इतिहास में एक साथ इतने लोगों को यह सबसे बड़ी सजा है। युवक धर्मबीर के मामा ने केस दर्ज करवाया था, युवती का मामा आरोपी था।हरियाणा के फतेहाबाद के गांव ढिंगसरा में अंतरजातीय प्रेम विवाह रचाने वाले धर्मबीर की आन के लिए हत्या के मामले में न्याय और अन्याय की जंग दो मामाओं के बीच में चली। एक ओर धर्मबीर के मामा रायसिंह ने पुलिस केस दर्ज करवाकर न्याय की मांग की तो दूसरी ओर धर्मबीर की पत्नी सुनीता का मामा दलबीर सिंह मुख्य आरोपी था।

 
मार्च 2018 में किया था प्रेम विवाह
 
हिसार के गांव डोभी निवासी धर्मबीर के माता व पिता का देहांत हो चुका है। धर्मबीर का एक भाई है, जो परिवार से अलग रहता है। धर्मबीर निजी बस का चालक था और आदमपुर रूट पर बस चलाता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात हिसार के गांव मंगाली निवासी सुनीता से हुई, जो अपने मामा दलबीर के घर गांव सीसवाल में रहती थी। सुनीता आदमपुर में पढ़ने के लिए जाती थी। दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा तो उन्होंने मार्च 2018 में सिरसा के चत्तरगढ़ पट्टी क्षेत्र के मंदिर में प्रेम विवाह रचा लिया। सुनीता के प्रेम विवाह से उसका मामा दलबीर व अन्य परिजन काफी नाराज चल रहे थे।

जान का खतरा बताकर मांगी थी सुरक्षा
प्रेम विवाह रचाने के बाद सुनीता व धर्मबीर दोनों ने दलबीर सिंह व अन्य परिजनों से अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस सुरक्षा मांगी थी। पुलिस ने दोनों को सेफ हाउस में भेज दिया था। विशेष बात यह है कि दोषी दलबीर सिंह ने पुलिस को कहा था कि उनको इस शादी से कोई ऐतराज नहीं है। मगर बाद में इस हत्या को अंजाम दे दिया गया।

सुरक्षित महसूस कर दोनों आए थे ढिंगसरा
कुछ दिन सेफ हाउस में रहने के बाद सुनीता को साथ लेकर धर्मबीर अपने मामा रायसिंह के पास गांव ढिंगसरा चला आया। एक जून 2018 को सुनीता का मामा दलबीर सिंह अपने साथियों के साथ गांव ढिंगसरा पहुंचा और हवाई फायर करके धर्मबीर व सुनीता का अपहरण कर ले गए। इसके बाद धर्मबीर के मामा रायसिंह ने पुलिस में शिकायत दी थी। पुलिस ने युवती को गांव सीसवाल से बरामद किया था, लेकिन युवक का कहीं पता नहीं चला। बाद में मामले का खुलासा हुआ, जिसमें पता चला कि आरोपी धर्मबीर को गांव सीसवाल में ही ट्यूबवेल पर ले गए और वहां पर रबड़ के पट्टों से पीट पीटकर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। इसके बाद उसके शव को नहर में फेंक दिया था। बाद में धर्मबीर का शव राजस्थान के भादरा से सिद्धमुख नहर से बरामद हुआ था।

अदालत में पेश हुए थे 47 गवाह, हुई थी 81 पेशियां
भट्टू कलां थाना पुलिस की ओर से 6 अक्तूबर 2018 को फतेहाबाद कोर्ट में आरोपियों की पेशी आरंभ कर दी गई थी। 30 अक्तूबर 2018 को चार्जशीट जारी की गई। इसके बाद कोर्ट में यह ट्रायल शुरू हो गया। इस दौरान लगातार पेशियां होती रही और 47 गवाहों ने अपनी गवाही दी। 80वीं पेशी में 16 मार्च को अदालत ने सभी को दोषी करार दे दिया और मंगलवार को 81वीं पेशी में सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

इनको मिली सजा
सुनीता के मामा गांव सीसवाल निवासी दलबीर सिंह, रवि कुमार, सुरजीत उर्फ रावण, सुंदरलाल, साहबराम, बीरूराम, बलराज सिंह, शेर सिंह, नेकीराम, बलवंत, बलबीर सिंह के अलावा राजस्थान के बीकानेर जिले के गांव खानुवाला निवासी धर्मपाल उर्फ जागर, फतेहाबाद के गांव धांगड़ निवासी विनोद कुमार, बड़ोपल निवासी वेदप्रकाश व भिरड़ाना निवासी भंवर सिंह उर्फ भंवरा को आजीवन कारावास की सजा हुई है। इनमें से एक आरोपी श्रीराम की कोर्ट ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी।

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