गांव निरबाण की पढ़ी-लिखी महिला सुमन मुकेश शास्त्री पंचायती जमीन को ठेके पर ले कर रही है कमाई, खेती-बाड़ी करने के साथ-साथ, ग्राम सखी के तौर पर महिलाओं को कर रही है स्वरोजगार के लिए प्रेरित

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गांव निरबाण की पढ़ी-लिखी महिला सुमन मुकेश शास्त्री पंचायती जमीन को ठेके पर ले कर रही है कमाई, खेती-बाड़ी करने के साथ-साथ, ग्राम सखी के तौर पर महिलाओं को कर रही है स्वरोजगार के लिए प्रेरित

  

नरेश बैनीवाल 9896737050
चौपटा। ( सिरसा) राजस्थान की सीमा से सटे चौपटा क्षेत्र में लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि ही है और कृषि कार्य करने में महिलाएं भी किसी से कम नहीं है महिलाएं खेती-बाड़ी के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रख सकती हैं। इसी कड़ी में गांव निरबाण (सिरसा) की पढ़ी-लिखी महिला सुमन मुकेश शास्त्री ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह बनाकर पंचायती जमीन को ठेके पर लेकर खेती करना शुरू किया । जिसमें ग्वार, बाजरा और सरसों की फसल की बिजाई करके खेतीबाड़ी से कमाई कर रही है। 
सुमन  ने बीए तक पढ़ाई की हुई है तथा हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्राम सखी के तौर पर कार्य कर रही है। इसके साथ ही उम्मीद नामक स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही है। पिछले वर्ष अनमोल महिला ग्राम संगठन की मदद से 2 एकड़ पंचायती जमीन को ठेके पर लेकर खेती शुरू की जिसमें बचत भी काफी हुई और आगे भी ठेके पर जमीन को लेकर कार्य करना जारी रखेंगी। इस कार्य में सुमन देवी के पति मुकेश कुमार का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। सुमन  ने बताया कि महिलाएं भी घरेलू कार्यों के साथ-साथ परंपरागत कार्य खेती-बाड़ी में काम करके अच्छा मुनाफा कमा सकती हैं तथा अपने आप को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।

बीए पास सुमन खेती-बाड़ी के साथ-साथ ग्राम सखी के तौर पर महिलाओं को कर रही हैं स्वरोजगार के लिए प्रेरित

गांव निरबाण की बीए पढ़ी-लिखी महिला सुमन पत्नी मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने अढाई साल पहले हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह बनाकर महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया । इसी के तहत उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र का परंपरागत कार्य खेती-बाड़ी को भी बढ़ावा देने की ओर कदम बढ़ाया तो उन्होंने अनमोल महिला ग्राम संगठन के सहयोग से 48500 रुपए का बैंक से लोन लेकर 2 एकड़ पंचायती जमीन को ठेके पर लिया। जिसमें सबसे पहले 1 एकड़ में ग्वार और 1 एकड़ में बाजरे की बिजाई की, भाव अच्छा मिलने पर सावनी की फसल से  काफी बचत हुई फिर उन्होंने 2 एकड़ में अगली फसल सरसों की बिजाई की है सरसों की फसल में उन्होंने मेहनत करके अच्छी तरह से पकाया । सरसों की फसल की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है । उन्होंने बताया कि उन्होंने स्वयं सहायता समूह उम्मीद ग्रुप बनाया हुआ है जिसमें 10 महिलाएं स्वरोजगार के लिए कार्य करें जिसे जिन्हें बैंक से लोन, लेन देन, ऋण स्वीकृति समूह के खाते खुलवाने आदि का काम किया जाता है। इसी के साथ महिलाएं कृषि कार्य में भी जुटी हुई है । उन्होंने बताया कि इस कार्य में उसके पति मुकेश कुमार ने भरपूर सहयोग दिया है और अब आगे कृषि के साथ-साथ सेनेटरी पैड बनाने का भी कार्य शुरू करने जा रही है।


सुमन मुकेश शास्त्री ने बताया कि अपनी जमीन न होने पर ठेके पर खेती लेकर भी कमाई की जा सकती है। इसी के तहत उन्होंने पंचायत की जमीन को जो हर वर्ष ठेके पर दी जाती है उसकी 2 एकड़ जमीन ठेके पर लेकर बंपर पैदावार ले रही है । उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को सही तरीके से लागू करने व महिलाओं को अच्छी तरह से प्रेरित करने पर महिलाएं भी स्वरोजगार अपना कर आत्मनिर्भर बन सकती हैं।

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