ग्लास क्लिनर |
इन महिलाओं को बैंक से लोन दिलवाया जाता है और फिर मनियारी, परचून, पार्लर इत्यादि का कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाता है । उन्होंने बताया कि उन्होंने लक्ष्मी नामक स्वयं सहायता समूह बनाकर सर्फ, हैडवास, डिसवास, फिनायल बनाने का प्रशिक्षण लेकर उत्पाद बनाने में लगी हुई है । और लक्ष्मी के फिनाइल, हैंडवास इत्यादि उत्पाद की क्षेत्र में काफी मांग है।
इसके अलावा क्षेत्र के डिंग मंडी में अंजू ने हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह बनाकर मास्क और बैंकों के वाउचर कवर बनाने का कार्य शुरू किया । जिससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है । अंजू ने बताया कि पहले उन्होंने सक्षम योजना के तहत कार्य किया फिर करीब 2 साल से हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर हरगुण महिला स्वयं सहायता समूह बनाया इसमें सबसे पहले 10000 रुपए का लोन लेकर कोरोना काल में मास्क बनाने का कार्य शुरू किया। कई तरह के मेडिकल मास्क, सिंपल मास्क बनाकर उन्होंने कमाई का जरिया खोजा। इसके अलावा बैंकों में वाउचर के कवर बनाने का कार्य भी वह कर रही है और बैंकों द्वारा डिमांड के अनुसार वाउचर कवर बना कर देती है।
खंड कार्यक्रम प्रबंधक भजनलाल व सहायक मनोज बैनीवाल ने बताया कि हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन खंड नाथूसरी चौपटा में 40 गांवों में ग्राम सखी के तौर पर महिलाएं कार्यरत हैं इनका काम पार टाइम होता है । गांव में सभी समूहों की बैठक करवाना व देखभाल करने का कार्य किया जाता है । इसके तहत बैंक सखी के तौर पर भी समूह की महिलाएं जुड़ी हुई हैं जोकि बैंक लेनदेन, ऋण आवेदन स्वीकृति व समूह के खाते खुलवाने का कार्य कर रही हैं। इनमें मुख्य रूप से बैंक सखी मंजू पीएनबी दड़बा कलां, प्रमिला एसबीआई चौपटा, सुमन एसबीआई कागदाना, सुनीता पीएनबी रामपुरा ढिल्लों, अलीशा पीएनबी जमाल, प्रियंका बकरियांवाली, आशा पीएनबी डिंग और कमल देवी कुम्हारिया में कार्य कर महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है।
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