संयुक्त भूमि के हिस्सेदारों ( shareholders of joint land) को अपनी खेवटें ( khewats) अलग करवाना हुआ आसान, अब भिन्न-भिन्न कोर्टों में नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर, तकसीम करवाने में नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार, जानिए...

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संयुक्त भूमि के हिस्सेदारों ( shareholders of joint land) को अपनी खेवटें ( khewats) अलग करवाना हुआ आसान, अब भिन्न-भिन्न कोर्टों में नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर, तकसीम करवाने में नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार, जानिए...



सिरसा 12 फरवरी। उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि पंजाब भूमि राजस्व हरियाणा संशोधित विधेयक 2020 के लागू होने के कारण संयुक्त भूमि के हिस्सेदारों को अपनी खेवटें अलग करवाने के लिए अब भिन्न-भिन्न कोर्टों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे तथा संयुक्त खेवट की तकसीम करवाने में कईं-कईं साल इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा तथा कईं तरह के वाद-विवादों से भी छुटकारा मिलेगा। उन्होंने जिला के संयुक्त भूमि हिस्सेदारों के बारे में कहा कि वह सहायक कलैक्टर द्वितीय श्रेणी (राजस्व अधिकारी) के नोटिस प्राप्त होने के उपरांत तुरंत आपसी सहमति का करार अपने-अपने संबंधित सहायक कलैक्टर द्वितीय श्रेणी (राजस्व अधिकारी) को प्रस्तुत करें ताकि जल्द से जल्द उनकी संयुक्त सम्पत्तियों की तकसीम हो सके।
Deputy Commissioner Ajay Singh Tomar said that due to the implementation of the Punjab Land Revenue Haryana Amendment Bill, 2020, the shareholders of joint land will no longer have to go to different courts to get their khewats separated and there will be many difficulties in getting the joint khevat done. You will not even have to wait for a year and you will also get rid of many types of disputes. He could about the joint land sharers of the district.
उपायुक्त ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा पंजाब भू राजस्व (हरियाणा संशोधन) विधयेक 2020
 Punjab Land Revenue Haryana Amendment Bill, 2020, का नोटिफिकेशन जारी किया गया है जिसमें 1887 का पंजाब अधिनियम ङ्गङ्कढ्ढढ्ढ में धारा 111-क व धारा 118-क को रखा गया है। इस अधिनियम के लागू होने से संयुक्त सम्पत्तियों (सांझा खेवट) के मालिक अपनी खेवट को अलग-अलग करवा सकते हैं अर्थात अपनी तकसीम करवा सकते हैं। इस विधेयक के लागू होने के उपरांत संबंधित तहसीलदार, नायब तहसीलदार (सहायक कलैक्टर द्वितीय श्रेणी) द्वारा संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जहां खेवट में सभी पक्ष संयुक्त भागीदार रक्त संबंधी न हो अर्थात ब्लड रिलेशन में न हो।

उन्होंने बताया कि राजस्व रिकॉर्ड में अभिलिखित संयुक्त भागीदारों को नोटिस प्राप्त होने के उपरांत सभी संयुक्त भागीदार आपसी सहमति से भूमि विभाजन के करार को संबंधित सहायक कलैक्टर द्वितीय श्रेणी के सम्मुख पेश करेंगे। यह अवधि 6 माह के अंदर-अंदर करनी है। धारा 111-क के (2) में प्रावधान है कि यदि विभाजन किसी कारण से संयुक्त भागीदारों द्वारा नहीं किया गया है तो राजस्व अधिकारी, किसी संयुक्त भागीदार द्वारा उसे किए गए आवेदन पर उनके संयुक्त स्वामित्व में आपसी सहमति से विभाजित भूमि को प्राप्त करने के लिए 6 मास तक का और विस्तार प्रदान कर सकता है।  
इसके लिए किसी भी संयुक्त भागीदार को आवेदन करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि आपसी सहमति के विभाजन के लिए करार प्राप्त हो जाता है तो सहायक कलैक्टर द्वितीय श्रेणी एक महीने की अवधि में विभाजन की पुष्टि करेगा अर्थात खेवट की तकसीम करेगा।
उन्होंने बताया कि अगर किसी न्यायालय में भूमि से संबंधित कोई विवाद है या भूमि पंजाब शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम 1961 (1961 का पंजाब अधिनियम (18) की धारा 2 के खंड 6 में शामलात देह दर्ज है तो ऐसे करार की पुष्टि करने से सहायक कलैक्टर इंकार कर देगा अर्थात भूमि का विभाजन नहीं करेगा। संयुक्त भागीदारों द्वारा उप धारा (1) व (2) में दिए गए समयावधि के अंदर विभाजन नहीं किया गया तो अवधि समाप्ति पर तुरंत राजस्व अधिकारी संयुक्त स्वामित्वाधीन भूमि के विभाजन के निर्णय की कार्यवाही करेगा और संयुक्त भूमि के हिस्सेदारों की खेवट की तकसीम का निर्णय करेग 100 thing

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