Chopta Plus Reporter naresh Beniwal 9896737050
चौपटा प्लस न्यूज।। राजस्थान की सीमा से सटे सिरसा जिले में दहेज प्रथा रूपी दानव को खत्म करने की मुहिम लगातार जारी है। इसी कड़ी में गांव रोहिड़ावाली निवासी डीपी रामवीर गोदारा (राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कंवरपुरा में कार्यरत) ने अपने बेटे रवि गोदारा की शादी बिना दहेज के की है। तथा इस शादी की सराहना चारों और हो रही है । जानकारी के अनुसार चाहरवाल़ा निवासी पूर्व सरपंच रामचंद्र नेतड़ की पोत्री मोनिका की शादी रोहिड़ावाली निवासी रवि गोदारा बीटेक सिविल इंजीनियरिंग के साथ धूमधाम से संपन्न हुई। शादी में सभी परंपरागत रस्म अदा की गई जब विदाई के समय वधू पक्ष की ओर से 7 लाख 11000 रुपए थाली में रखे गए तो वर के पिता डीपी रामवीर गोदारा ने मात्र 1 रुपया और नारियल यह कहकर स्वीकार किया कि दुल्हन ही दहेज है । शादी समारोह की मास्टर दिलबाग सिंह ढाका, रविंद्र ख्यालिया, प्रवक्ता पवन गोरछिया, सुरेश शर्मा, अनिल कासनियां, डीपी विकास ज्याणी, प्रवक्ता कृष्ण पिलानिया, मास्टर राजेंद्र गोदारा, मास्टर सुखविंदर सिंह विर्क, बलराम, हनुमान सहित क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्तियों ने सराहना की। बिना दहेज की शादी पूरे सिरसा जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। सिरसा जिले के चाहरवाला गांव के पूर्व सरपंच रामचंद्र नेतड़ के बेटे जगतपाल नेतड़ की पुत्री मोनिका बीएससी साइंस (B.Sc) की शादी सिरसा जिले के ही गांव रोहिड़ावाली निवासी रामवीर गोदारा डीपी के पुत्र रवि गोदारा के साथ पूरे रस्मो रिवाज से संपन्न हुई। विदाई के समय जगतपाल नेतड़ ने विदाई की रस्म अदा करते हुए सुमठनी की थाली में 7 लाख 11000 रुपए नगद रखें तो लड़के के पिता रामवीर गोदारा ने दहेज में लेने से मना कर दिया, और रस्म के मुताबिक शगुन का मात्र 1 रुपया व नारियल ही स्वीकार किया।
इस मौके पर डीपी रामवीर गोदारा ने कहा कि वह पेशे से अध्यापक है और हमेशा से ही समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ रहे हैं। इसी के तहत दहेज प्रथा तो बिल्कुल ही बंद करने के पक्ष में हैं । उन्होंने बताया कि उसने अपने पुत्र रवि गोदारा की पढ़ाई लिखाई अच्छी तरह से करवाई है और बीटेक सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हुई है ।उन्होंने बताया कि वधू पक्ष द्वारा विदाई की रस्म में 7 लाख 11000 रुपए राशि देना चाही तो उन्होंने उनका मान रखते हुए शगुन के रूप में मात्र 1 रुपया और नारियल ही ही लेकर दुल्हन को ही दहेज के रूप में स्वीकार किया है । उन्होंने कहा कि समाज के अन्य लोगों को भी सबक लेकर दहेज प्रथा रूपी दानव को खत्म करना चाहिए।
उधर मोनिका के पिता जगतपाल नेतड़ ने कहा कि मोनिका ने बीएससी तक की पढ़ाई की हुई है। और उन्होंने शादी भी धूमधाम से संपन्न की है । उनका कहना है कि वह बहुत खुश है कि उनकी पुत्री को ऐसा परिवार मिला जो दहेज के लोभी नहीं है। अन्य लोगों से अपील करते हैं कि अपनी बेटी को दहेज से पहले ही शिक्षित कर अपना फर्ज निभाना चाहिए और समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने में योगदान देना चाहिए। जहां 7 लाख 11000 रुपए की एक बहुत बड़ी रकम मानी जाती है वही दहेज के रूप में 7 लाख 11000 रुपए ना लेकर मात्र 1 रुपया व नारियल लेना पूरे सिरसा जिले के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है । हर तरफ ग्रामीणों द्वारा शादी समारोह की तारीफ की जा रही है।
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