नाथूसरी चौपटा | गांव नाथूसरी कलां में एक शादी में वर पक्ष की और से दहेज प्रथा जैसी कुरीति को खत्म करने की पहल की गई। वर पक्ष ने नेग के रूप में केवल एक रूपया और नारियल स्वीकार किया, वहीं दोनों पक्षों की और से पूर्र्णतया नशामुक्त समारोह आयोजित करना अनूठी मिसाल बन गया है।
जानकारी अनुसार जिला के गांव चौटाला निवासी पवन सिहाग के पुत्र मनीष की शादी गांव नाथूसरी कलां निवासी पूर्व सरपंच जुगलाल कासनिया की पौत्री मनीषा संग तय हुई। शादी में वर-वधू पक्ष ने आपसी सहमति से समाज की कुरीतियां मिटाने और शादी समारोह को पूर्णतया नशामुक्त बनाने को संकल्प लिया। दोनों परिवारों में मिलकर पूरा समारोह नशामुक्त आयोजित किया, वहीं दहेज प्रथा पर भी प्रहार करते हुए वर पक्ष ने एक नई पहल की। समारोह में सुमठनी रस्म के दौरान वर पक्ष की और से दूल्हे के पिता पवन सिहाग ने वधू पक्ष की और से दहेज के रूप में दी जाने वाली नकदी लेने से इंकार कर दिया और दहेज प्रथा खत्म करने की बात कहते हुएहाथ जोडक़र शादी में नेग के रूप में एक रूपया और एक नारियल लेने की बात रखी। दोनों परिवारों ने मिलकर इस प्रस्ताव को स्वीकृत किया और समाज को एक नई दिशा दी। इस दौरान पूर्व सरपंच रणजीत सिंह कासनिया ने वर पक्ष की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि समाज में अनेकों कुरीतियों को जड़ से खत्म करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के इस प्रयास से समाज में जागृति आएगी। उन्होंने सभी से इस सकारात्मक सोच को अपनाने का आह्वान किया। दूल्हे के पिता पवन सिहाग ने भी कहा कि समाज कुरीतियों के कारण गलत दिशा में जा रहा है। हमें कुरीतियों को मिटाने के साथ-साथ नशे जैसी बुराई को भी खत्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे समाज व रिश्तेदारों को भी दहेज प्रथा समाप्त करने के लिए प्रेरित करेंगे।
नेग के रूप में एक रूपया और नारियल के साथ सुमठनी रस्म निभाते दोनों पक्ष।
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