पहले चरण में सिरसा जिला के ईन पांच गांवों में चलाया ड्रग एवं हिंसा मुक्त मेरा गांव, मेरी शान अभियान, जानिए...

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पहले चरण में सिरसा जिला के ईन पांच गांवों में चलाया ड्रग एवं हिंसा मुक्त मेरा गांव, मेरी शान अभियान, जानिए...

 समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए नशा मुक्ति जरूरी, समाज के हर वर्ग को इसमें बढ़चढ़ कर लेना होगा भाग: आईजी राकेश आर्य, पुलिस द्वारा ड्रग एवं हिंसा मुक्त मेरा गांव, मेरी शान कार्यक्रम का किया आगाज, ग्रामीणों ने आईजी के सामने सहयोग करने का दिया आश्वासन, पहले चरण के अभियान में पांच गांवों को किया शामिल



सिरसा, 06 जनवरी। हिसार पुलिस रेंज के महानिरीक्षक राकेश आर्य ने कहा कि समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए नशा मुक्त अभियान जरूरी है, इसके लिए समाज के हर व्यक्ति को सहयोग करना होगा। जिला प्रशासन व पुलिस हर संभव प्रयासरत है, इसके लिए ड्रग एवं हिंसा मुक्त मेरा गांव, मेरी शान कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम से जोड़कर समाज के ऐसे लोगों को मुख्यधारा में लाया जाएगा जो नशे की बीमारी से ग्रस्त हो चुके हैं।
महानिरीक्षक वीरवार को जिला के गांव खैरेकां में आयोजित मेरा गांव-मेरी शान कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज में आज जरूरत है कि नई पीढ़ी किसी प्रकार के नशे में न पड़ेे। नशा एक परिवार को खत्म नहीं करता बल्कि समाज की दशा को भी बिगाड़ देता है, इसका सीधा प्रभाव राष्टï्र के सम्मान पर पड़ता है। इसकी धीमी शुरुआत विनाश का कारण होती है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा आम जनता के सहयोग से इस अभियान की शुरुआत की गई है। पहले चरण में सिरसा जिला के पांच गांवों को इस अभियान में शामिल किया गया है जिनमें ख्योवाली, गुडियाखेड़ा, जंडवाला जटान, मल्लेकां व खैरेकां शामिल है।


महानिरीक्षक ने कहा कि नशे पर अंकुश लगाने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है, अपने आसपास ऐसे व्यक्ति का चयन करना चाहिए जो इस बुराई में संम्मिलित है। उन्हें इस बुराई के बारे में जागरूक करें और ऐसे व्यक्ति के साथ भाईचारा बढ़ाएं और इसके परिणामों के बारे में भी जानकारी उन्हें दे, कभी भी इस बुराई में शामिल लोगों का सामाजिक विरोध न करें बल्कि उनके साथ प्यार से बात करें ताकि वे इस बुराई को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो जाए। पुलिस द्वारा गांव-गांव टीमें बनाई गई है, ये टीमें सर्वे करेेगी की कौन व्यक्ति नशे की लत में शामिल है और किस प्रकार उस व्यक्ति को नशे से दूर किया जा सकता है। इसके लिए गांव-गांव में खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा, सांस्कृतिक टीमें बनाई जाएगी और ड्रग माफियाओं को पकड़ा जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से अनुरोध किया कि जो भी ड्रग तस्कर पकड़ा जाता है, उसका पक्ष न लें बल्कि उसके खिलाफ हो, जब आसपास नशा नहीं होगा तो अपने आप ये बुराई समाप्त हो जाएगी। उन्होंने नशा मुक्ति के लिए इस मौके पर शपथ भी दिलवाई।


पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन ने कहा कि नशा एक ऐसी बीमारी है जो मनुष्य के जीवन को खत्म कर देती है, जिस प्रकार घर में गंदगी हो जाती है, उसे बाहर निकाला जाता है, उसी प्रकार नशा रुपी गंदगी को अपने शरीर से बाहर निकालने की जरूरत है, इसके लिए जिला पुलिस निरंतर कार्य कर रही है। इस कार्य के लिए पहले चरण में पांच गांवों को शामिल किया गया है और हम सभी की जिम्मेवारी है कि हम उन गांवों को आदर्श बनाएं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष करीब 800 ड्रग तस्करों को पुलिस द्वारा पकड़ा गया है और आगे भी यह मुहिम जारी रहेगी। किसी भी व्यक्ति को गलत काम करने की छूट नहीं दी जाएगी। इस अभियान के लिए डीएसपी संजय को नोडल बनाया गया है।
एसडीएम जयवीर यादव ने बताया कि नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है, लोगों को जागरूक किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक व उपायुक्त जिला से नशे को समाप्त करने के लिए काफी प्रयासरत है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे नशा मुक्ति अभियान में अधिक से अधिक सहयोग करें और अपने बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाएं।
जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार ने नशा मुक्ति पर जानकारी देते हुए बताया कि समाज के हर व्यक्ति को इसके लिए जागरूक होना चाहिए। हर माता पिता का कर्तव्य है कि वे अपने बच्चे का ध्यान रखें कि बच्चा किस दिशा में चल रहा है। यदि बच्चे की दिशा में कोई बदलाव है तो माता पिता को सतर्क हो जाना चाहिए। जिला के स्कूलों में भी शनिवार को एक घंटे के ऐसे जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे जिससे बच्चा बुराई के खिलाफ जागरूक हो सके।
मनोचिकित्सक डा. पंकज ने बताया कि नशा प्रयास करने से छूट सकता है, इसकी अलग-अलग स्टेज होती है, जिला में भी 11 नशा मुक्ति केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से दो सरकारी हैं। जिस भी व्यक्ति को सेवा की जरूरत है तो वह किसी भी समय आ सकता है। उन्होंने कहा कि नशा करने वाला व्यक्ति एक ऐसा व्यक्ति होता है, जो अपनी मनोदशा को भूल जाता है और वह इसी बुराई में लीन हो जाता है।
समाजसेवी ईशा गौदारा ने भी अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि उनकी एनजीओ द्वारा भी गांव-गांव लोगों को नशा मुक्ति के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस मौके पर पांचों गांवों के ग्रामीणों द्वारा अपने अनुभव सांझा किए। समाजसेवी संदीप सैनी ने सभी आए हुए अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में नशा मुक्ति पर डीपी थियेटर द्वारा नाटक प्रस्तुत किया तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की नाटक मंडली ने नशा जागरूकता पर गीत प्रस्तुत किए।

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