रिपोर्टर नरेश बैनीवाल 9896737050
चोपटा--राजस्थान की सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र में हुई हल्की बारिश से रबी की फसल को काफी फायदा हुआ है। किसानों का कहना है कि 61920 हेक्टेयर में खड़ी गेहूं, चने, सरसों व जौ आदि रबी की फसल के लिए
संजीवनी का काम कर रही है। इसके साथ ही निकटवर्ती राजस्थान में बारिश होने के समाचार मिल रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय बारिश अच्छी होती है। ओला वृष्टि घातक हो सकती है। किसानों का कहना है कि सरकार ने तो नहरी पानी कटौती करके खेती को भगवान भरोसे छोड़ दिया था लेकिन भगवान ने उनकी सुन ली है । चोपटा खंड में इस बार किसानों ने 39500 हेक्टेयर में गेहूं, 18500 हेक्टेयर में सरसों, 2050 हेक्टेयर में चना व 850 हेक्टेयर में जौ, 60 हेक्टेयर में दलहन व 960 हेक्टेयर में चारा व अन्य
फसलों की बिजाई की है।
इस फसल पर मंडरा रहा पाले का खतरा टल गया है। राजस्थान कि सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र के कागदाना, कुुम्हारिया, खेड़ी, जसानियां, चाहरवाला, जोगीवाला, रामपूरा नवाबाद, गिगोरानी, शाहपूरिया, रूपावास सहित सभी गावों में बारिश होने से मौसम में ठंडक तो बढ़ गई लेकिन
रबी की फसल के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। किसान राम कुमार व सुल्तान सिंह का कहना है कि इस समय सरकार ने नहरी पानी में कटौती कर दी है तो खेती बारिश पर ही आधारित रह गई और इस समय बारिश की जरूरत भी ज्यादा है । इस समय बारिश फसलों के लिए फायदेमंद हाती है। इन महीनों में फसल के लिए सूखा पाला घातक होता है। बारिश होने के बाद पाले से कोई नुकसान नहीं होता। परंतु ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो सकता है। किसान महेंद्र सिंह व जगदीश का कहना है कि सरकार ने नहरी पानी में कटौती करके खेती को राम भरोसे छोड़ दिया था अब भगवान ने सुध ले ली है।
किसान कृष्ण कुमार बैनीवाल व सुभाष चन्द्र का कहना है अब फसलों को सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ेगी। जिससे डीजल का खर्च बच जाएगा। इनका कहना है कि बारिश तो फसल के लाभदायक है ओला वृष्टि घातक हो सकती है।
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