किसान मान स्वरूप ने 3 साल पहले शुरू की देशी प्याज की खेती, अब कमाई लाखों में, जानिए सफलता की कहानी...

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किसान मान स्वरूप ने 3 साल पहले शुरू की देशी प्याज की खेती, अब कमाई लाखों में, जानिए सफलता की कहानी...

 Reporter  नरेश बैनीवाल 9896737050

 चोपटा प्लस न्यूज। राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के पैंतालिसा क्षेत्र के गांव बरासरी (सिरसा) के किसान मान स्वरुप पुत्र देवीलाल कस्वां अपने खेत में ही देशी किस्म के प्याज लगाकर कर रहा है लाखों की कमाई । परंपरागत खेती में घाटे के चलते अपने घर की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाए रखने के लिए  साथ-साथ परंपरागत खेती के साथ 1 एकड़ में 3 साल पहले देशी किस्म के प्याज की बिजाई की। इससे परंपरागत कृषि के साथ अतिरिक्त आमदन शुरू हो गई। अब हर साल 1 लाख 50 हजार रुपए के अतिरिक्त कमाई होने लगी। सबसे बड़ी बात यह है कि मान स्वरूप अपने खेत में ही प्याज की पौध तैयार करता है।   मात्र 8वीं तक पढे लिखे किसान मानस्वरूप को  हरियाणा के साथ-साथ निकटवर्ती राजस्थान के आस पास के गांवों में अलग पहचान भी दिलवाई।


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गांव माखोसरानी  के प्रगतिशील किसान सुभाष चन्द्र से प्रेरणा लेकर शुरू की प्याज बिजाई
 किसान मानस्वरूप  ने बताया कि रेतीली जमीन व नहरी पानी की हमेशा कमी के कारण परंपरागत खेती में अच्छी बारिश होने पर तो बचत हो जाती वरना घाटा ही लगता। उसने खेती के साथ अन्य कमाई का जरीया खोजना शुरू किया तो  आठवीं की पढ़ाई करने के बाद खेती कार्य में रुचि के कारण गांव माखोसरानी के प्रगतिशील किसान अपने रिश्तेदार सुभाष चन्द्र से प्रेरणा लेकर 1 एकड़ फसल में 3 साल पहले प्याज की सब्जी लगानी शुरू की। जिससे प्याज की पैदावार से करीब 200000 रुपए की कमाई हुई । जिसमें 50 हजार रुपए बीज व दवाईयों इत्यादि का खर्चो  हो गया। उन्होंने बताया कि देशी किस्म के प्याज की पौध सितंबर में तैयार करनी शुरू की जाती है और  दिसंबर में लगाई जाती है । पिछले 3,वर्ष से हर साल करीब 1लाख 50 हजार रुपए की बचत हो जाती है । इसके अलावा इसी जमीन में सावनी की फसल की भी पैदावार भी ली जा सकती है।  जिससे परंपरागत खेती की आमदनी के साथ-साथ अतिरिक्त कमाई होने से घर की आर्थिक स्थिति मजबूत रहने लगी।
उन्होने बताया कि बिना किसी सरकारी सहायता के अपना खुद के पैसों से देशी किस्म के प्याज लगाने का व्यवसाय शुरू किया है। उन्होंने बताया कि गांव के कई युवा उनके व्यवसाय को देखकर सब्जी लगाने का काम करने लगे हैं। जिससे उन्हें रोजगार मिल गया है। किसान खेती के साथ इस तरह के व्यवसाय से कमाई करके आत्म निभर बन सकते हैं। मानस्वरूप
 ने बताया कि अगर सरकारी सहायता मिल जाए तो सब्जी के व्यवसाय को और ज्यादा बढ़ा सकता है। जिससे अन्य लोगों को भी रोजगार दिया जा सकता है। इसके अलावा नाथूसरी चौपटा के आसपास फ्रूट प्रोसेसिंग सेंटर या सब्जी मंडी विकसित हो जाए तो किसानों को काफी फायदा होने लगेगा। फोटो। गांव बरासरी का  किसान मान स्वरूप,  खेत में प्याज की पौध देखते हुए

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