जिस महिला के शव का दाह संस्कार किया गया था, वह जिंदा होने पर उलझ गई हत्या की गुत्थी, पुलिस मामले की नए सिरे से जांच में जुट गई

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जिस महिला के शव का दाह संस्कार किया गया था, वह जिंदा होने पर उलझ गई हत्या की गुत्थी, पुलिस मामले की नए सिरे से जांच में जुट गई


 रानियां निवासी बिंद्र सिंह ने 17 नवंबर को पुलिस को शिकायत दी थी कि उसकी पत्नी परमजीत कौर 15 नवंबर से लापता है। साथ ही ये भी बताया कि उसकी पत्नी घर में रखे 40 हजार रुपये भी ले गई है। पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर लापता की तलाश शुरू कर दी। इसी दौरान राजस्थान के भिरानी थाने से सूचना आई कि एक महिला का शव मिला है और हत्या का मामला है। इस पर परिजनों को सूचित किया गया। परिजनों और मायके वालों ने मौके पर पहुंचकर शव की पहचान परमजीत के रूप में की। उसका शव पैतृक गांव मंगाला में लाकर संस्कार भी कर दिया। बीती 2 दिसंबर को उसकी रस्म क्रिया भी गांव में कर दी गई। लेकिन अगले ही दिन पुलिस को महिला के मोबाइल की लोकेशन मिल गई। पुलिस सूत्र बताते हैं कि मोबाइल की लोकेशन गुरुग्राम की मिली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दबिश दी और देखा कि जिस महिला का मृतक मानकर अंतिम संस्कार कर दिया गया है वह जिंदा है। महिला जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह अपनी मर्जी से किसी युवक के साथ गई थी और वह उसी के साथ रहना चाहती है।




जोगीवाला से अमरपुरा के बीच गत 21 नवंबर को सड़क किनारे अज्ञात महिला के मृत मिलने की घटना ने दो राज्यों की पुलिस को हैरानी में डाल दिया है। दरअसल, जिस मृतक महिला की पहचान कर परिजनों ने दाह संस्कार किया था वह जिंदा है। जांच-पड़ताल में यह महिला गुड़गांव में जिंदा मिलने से पुलिस दंग रह गई। ऐसे में अब यह बड़ा सवाल है कि आखिर जिस शव को परमजीत कौर के रूप में पहचान करते हुए दाह संस्कार किया गया था, आखिरकार वह मृतका कौन थी।

इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए पुलिस मामले की हर एंगल से नए सिरे से जांच में जुट गई है। यहां बता दें कि गत 15 नवंबर को परमजीत कौर अपने ससुराल में झगड़ा कर घर से निकल गई थी। दो दिन की तलाश में उसका सुराग नहीं मिला तो परेशान परिजनों ने 17 नवंबर को राणियां पुलिस थाने में उसकी गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

इसके बाद 21 नवंबर को भिरानी थाना क्षेत्र में अज्ञात महिला का शव मिलने पर जिले के साथ ही पड़ोसी राज्य के नजदीकी थानों को भी सूचित किया गया। इस बीच तब परमजीत कौर के पिता, भाई और मंगाला गांव के सरपंच ने मृतका के शव का चेहरा साफ नजर नहीं आने के बावजूद पांच निशानियों के आधार पर उसकी पहचान लापता परमजीत कौर के रूप में की। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव उसके परिजनों को सौंप दिया था जिस पर 22 नवंबर को ही गमगीन माहौल में गांव में उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था। महिला के परिवार ने ससुराल पक्ष पर तब हत्या का आरोप भी लगाया था लेकिन चार दिन पहले परमजीत कौर जिंदा लौट आई तो उसके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा वहीं यह घटना अब जिला पुलिस के लिए सिरदर्द बन गई।

परमजीत कौर के परिजनों का कहना है कि जिस महिला का शव उनको दिखाया गया था उसके मुंह व सिर पर काफी चोटों के निशान थे जिस कारण पहचान में गलती हो गई। परमजीत और अज्ञात महिला के पांच के शरीर पर पांच निशान मिलते-जुलते होने पर यह गलती होने पर ही उन्होंने दाह संस्कार किया था।

परमजीत कौर का विवाह 17 वर्ष पूर्व राणियां में हुआ था। उसके दो पुत्रियां व एक पुत्र हैं। उसका पति विवाह शादियों में रोटी बनाने का कार्य करता है। जांच में सामने आया कि परमजीत अपने पति से मनमुटाव होने पर 21 वर्षीय परिचित युवक के साथ गुड़गांव चली गई और अब राणियां पुलिस को उसने कहा कि वह उस युवक के साथ ही रहेगी। इस पर पुलिस ने उसके बयान लेने के बाद उसे उस युवक के साथ भेज दिया। वहीं 5 निशान एक-जैसे होने पर गलती से उसके पीहर पक्ष ने शव परमजीत का होना मानकर अंतिम संस्कार कर दिया था।

परमजीत कौर सोमवार को भादरा न्यायालय में अपने चचेरे भाई के साथ धारा- 164 के बयान दर्ज कराने पहुंची थी लेकिन किसी कारण उसके बयान नहीं हो सके। उसके भाई ने बताया कि मृतक महिला के शव से पांच निशान हूबहू मिले थे जिस पर पहचान में गलती हुई। उधर, सिरसा जिले के रानिया थाने की पुलिस सोमवार को परमजीत कौर को रानिया में दर्ज मुकदमे के सिलसिले में ले गई जहां उसके बयान दर्ज किए गए। पुलिस के समक्ष उसने संबंधित युवक के साथ जाने की इच्छा जताई जिस पर पुलिस ने उसके साथ भेज दिया।

 परमजीत के 15 नवंबर को घर से झगड़ा कर लापता होने के बाद 21 नवंबर को अज्ञात महिला के शव की पहचान उसके रूप में करते हुए परमजीत के पीहर पक्ष ने परमजीत के पति और ससुर पर हत्या का आरोप लगाया था। मृतका के चेहरे पर चोट के निशान थे। इस बीच जोगीवाला सरपंच सुषमा दायमा ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था। जिन लोगों पर आरोप लगाया था पुलिस ने उनसे पूछताछ भी की थी।

राणियां थाना के एसआई राजेंद्र कुमार ने बताया कि परमजीत की गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उसके परिजनों ने महिला के शव को पहचानने में गलती की थी। हालांकि महिला गुड़गांव में मौजूद परमजीत ने गुड़गांव से किसी अन्य फोन से अपने किसी जानकार के पास फोन किया जिसके बाद परिजनों को पता चला कि वह मृत नहीं बल्कि जिंदा है। पुलिस ने बयान दर्ज कर उसको 


पुलिस उपाधीक्षक सुनील झाझड़िया का कहना है कि जिस महिला के शव की पहचान होना बताकर दाह संस्कार किया गया था वह जिंदा होने पर हत्या की गुत्थी उलझ गई है। ऐसे में मामले की अब हर एंगल से नए सिरे से जांच-पड़ताल करवाई जा रही है ताकि अज्ञात महिला की पहचान के साथ ही वारदात ट्रेस आउट की जा सके। इसके लिए पुलिस टीम जुटी हुई है। पड़ोसी राज्यों के समीपवर्ती थानों और प्रदेश के दूसरे जिलों से लापता महिलाओं का ब्यौरा जुटाया जा रहा है।


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