हनुमानगढ़। राजस्थान के नहरी इलाके हनुमानगढ़ में गधों की चोरी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि जिले के खुईयां थाना इलाके से पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग बार में 70 गधे चोरी हो गये। लोगों ने जब इसकी शिकायत की तो पुलिस ने उन पर ध्यान नहीं दिया। उसके बाद उन गधों के मालिकों और माकपा कार्यकर्ताओं ने इसको लेकर मंगलवार को थाने पर धरना दे दिया। इससे पुलिस की सांसें फूल गई और वह गांव-गांव, ढाणी-ढाणी गधों को ढूंढने में जुटी है। हालांकि पुलिस मंगलवार रात तक 17 गधों को पकड़कर थाने ले आई थी लेकिन धरना दे रहे लोगों का कहना था कि ये गधे उनके नहीं हैं। प्रदर्शनकारी गधा मालिकों का कहना है कि उन्हें तो उनका ही गधा चाहिये। अब परेशान पुलिस गधा मालिकों को मना रही है कि वे ये गधे ले जायें। लेकिन वे अपना-अपना गधा ही लेने पर अड़े हुए हैं। ऐसे में पुलिस गधों की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस समझ नहीं पा रही है कि प्रदर्शनकारियों को कैसे समझाया जाये।
हनुमानगढ़ पुलिस एक अजीबोगरीब तलाशी अभियान पर निकली थी, जिसमें उन्हें खुइयां शहर के इलाके से 70 से अधिक लापता गधों का पता लगाना था। हालांकि, कई घंटों के शिकार के बाद, केवल 17 गधे ही मिले, लेकिन अजीब तरह से यह एक जैसा निकला। मंगलवार शाम को घंटों तक सड़कों पर, यहां तक कि बाहरी इलाकों में भी सघन तलाशी के बावजूद, पुलिस दिन के अंत तक केवल हमशक्लों को ढूंढ पाई। जाहिर तौर पर जब गधों ने अपने मालिकों द्वारा बुलाए गए नामों का जवाब देने में विफल रहे, तो यह पता चला कि वे खोए हुए नहीं थे, बल्कि सिर्फ हमशक्ल थे। खुइयां थाने के एसएचओ विजेंद्र शर्मा ने टीओआई को बताया कि ग्रामीणों और चरवाहों ने चोरी की शिकायत की है लेकिन प्रथम दृष्टया यह जानवरों के लापता होने का मामला है. हम उनकी मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
एक चरवाहे के अनुसार, सभी 70 गधों के नाम भंवर सिंह, रिंकू, टिंकू हैं। ग्रामीणों के मुताबिक हाल ही में देवासर, रायका और जबरासर गांवों में विभिन्न चरवाहों से 70 से ज्यादा गधों की चोरी हो चुकी है. गुमशुदा गधों की तलाशी अभियान की मांग को लेकर मंगलवार की शाम ग्रामीणों ने खुइयां थाने में धरना दिया। उन्होंने यह भी शिकायत की कि क्षेत्र में जानवरों की चोरी एक आम समस्या बन गई है। इस प्रदर्शन में देवासर सरपंच लालगर गोस्वामी, माकपा तहसील सचिव सुरेश स्वामी, दौलतराम, अरुण नायक सहित कई चरवाहों ने भी भाग लिया।.
माकपा नेता मंगेज चौधरी ने कहा कि इलाके में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि चोरी की आशंका के साथ ही स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति अविश्वास बढ़ रहा है. विरोध के बाद, पुलिस हरकत में आई और 17 गधों को थाने ले आई और उनके संबंधित मालिकों के सामने एक पहचान परेड की व्यवस्था की, लेकिन जब उनका नाम पुकारा गया तो एक भी ने जवाब नहीं दिया।
मौके पर पहुंचे डिप्टी एसपी (नोहर) विनोद कुमार ने प्रदर्शनकारियों को 15 दिनों के भीतर मामले को सुलझाने के लिए विशेष टीम गठित करने का आश्वासन दिया।
▪️ *गधों के नाम हैं चिंटू, पिंटू और कालू-*
दरअसल धरने प्रदर्शन के बाद पुलिस जैसे-तैसे कर 15 गधों को लेकर थाने पहुंची। पुलिस ने गधा मालिकों को अपने-अपने गधे ले जाने को कहा। इस पर गधा मालिकों ने गधों को चिंटू, पिंटू और कालू आदि नामों से पुकारना शुरू कर दिया। लेकिन जब किसी भी गधे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो गधा मालिक बोले कि ये हमारे गधे नहीं हैं। इनको जहां से लेकर आये हो वहीं छोड़ आओ। गधा मालिकों को गधों को नाम से पुकारते देख पुलिस भी हैरान रह गई। बाद में पता चला कि गधा मालिकों ने गधों के नाम भी रख रखे हैं।
इस मामले में खुईयां पुलिस ने टीमें बनाई हैं। वे गांव-गांव गधे ढूंढती फिर रही है। पुलिस का कहना है कि ना तो मुल्जिम मिल रहा है और ना ही असली और वांछित गधे मिल रहे हैं। गधा मालिकों और माकपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस को चेतावनी दे रखी है कि अगर गधे नहीं मिले आंदोलन किया जायेगा। पुलिस का कहना है कि वह सारा काम छोड़कर गधे ढूंढकर लाये भी तो क्या गारंटी है कि गधे मालिक फिर से उनको चिंटू, पिंटू पुकारेंगे और गधे प्रतिक्रिया देंगे ही। ऐसे में खुईयां पुलिस के लिए यह मामला परेशानी का सबब बन गया है। वहीं आमजन इस मामले की चटखारे लेकर चर्चाएं कर रहा है।
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