गांव खेड़ी (सिरसा) के सपूत शहीद निहाल सिंह गोदारा का शहीदी दिवस पर शत-शत नमन।
सीमा सुरक्षा बल की 21वीं बटालियन का जवान निहाल सिंह गोदारा निवासी खेड़ी 11 नवम्बर 1999 को कश्मीर में देश की सीमा की रक्षा करते हुए आंतकवादियों की गोली का शिकार हो गया था। लेकिन जाते जाते वह चार आंतकवादियों को धराशायी कर गया था। शहीद का शव दो दिन बाद गांव खेड़ी पहुंचा था जहां 13 नवम्बर 1999 को राजकीय सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार किया गया। वीरवार को शहीद निहाल सिंह गोदारा के शहीदी दिवस पर शहीद की प्रतिमा पर शहीद की विधवा रेशमा देवी ही माल्यार्पण करती है। और कोई सरकारी अधिकारी नहीं पहुंचता। विरांगना रेशमा देवी ने बताया कि उस समय सरकार ने कई घोषणा की थी की खेड़ी के राजकीय स्कूल का नामकरण शहीद के नाम पर किया जाएगा। व खेड़ी से कागदाना जाने वाली सड़क का नाम भी शहीद के नाम पर रखा जाएगा। लेकिन इन घोषणा पर अमल नहीं हुआ। रेशमा देवी ने बताया की उस वक्त सरकार घोषणा के अनुसार 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता तो मिली थी। तथा इस बार उसके पुत्र मुकेश को सरकारी नोकरी तो मिल गई। लेकिन गैस एजैन्सी व पैट्रोल पम्प नहीं दिया गया है,और ना ही स्कूल व सड़क का नाम शहीद के नाम पर रखा गया है। उन्होंने तो अपने खर्चे से ही गांव में स्मारक बनाया व उसमें प्रतिमा स्थापित की है। हर बार सरकार व प्रशासन की तरफ से कोई नहीं आता नेता व अधिकारी तो भूल सकते हैं पर हम कैसे भूल सकते हैं। इनका कहना है कि सरकार की तरफ से किसी के न आने से आखिर परायेपन का अहसास करा ही देती है। ऐसा शहीदों का घोर अपमान कब तक होता रहेगा।
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