किसानों के विरोध के चलते नहराना में बिना गैस पाइपलाइन डाले ही वापस लौटे प्रशासनिक अधिकारी व कंपनी कर्मचारी ।। गैस पाइपलाइन डालने के लिए फलदार पौधे काटने पर उचित मुआवजा न देने पर किसानों ने किया विरोध ।। नाथूसरी चोपटा के नायब तहसीलदार ड्यूटी मजिस्ट्रेट और थाना प्रभारी दल बल के साथ रहे मौजूद

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किसानों के विरोध के चलते नहराना में बिना गैस पाइपलाइन डाले ही वापस लौटे प्रशासनिक अधिकारी व कंपनी कर्मचारी ।। गैस पाइपलाइन डालने के लिए फलदार पौधे काटने पर उचित मुआवजा न देने पर किसानों ने किया विरोध ।। नाथूसरी चोपटा के नायब तहसीलदार ड्यूटी मजिस्ट्रेट और थाना प्रभारी दल बल के साथ रहे मौजूद

 


नाथूसरी चौपटा। खंड के गांव नहराना में गैस पाइपलाइन डालने के लिए किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने अपने खेतों से पाइपलाइन डालने आए जीएसपीएल गैस नेट लिमिटेड कंपनी के कर्मियों का विरोध किया।  उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया । इस दौरान नाथूसरी चोपटा के नायब तहसीलदार प्रदीप अहलावत को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया और थाना प्रभारी सत्यवान पुरुष और महिला पुलिस बल के साथ मौजूद रहे। लेकिन किसानों के भारी विरोध के चलते जीएसपीएल गैस नेट लिमिटेड कंपनी के कर्मियों को बिना पाइपलाइन डाले ही दूसरी बार वापस  लौटना पड़ा। इससे पहले 8 अप्रैल को भी कंपनी कर्मचारी पाइप डालने किसानों के खेतों में गए तो किसानों ने विरोध किया था। नहराना के किसान पूर्व सरपंच ताराचंद चूरणिया, धर्मपाल, बंसीलाल, ओमप्रकाश,  ने बताया कि कि मेहसाना से बठिंडा के लिए जीएसपीएल गैस नेट लिमिटेड कंपनी द्वारा गैस पाइप लाइन डाली जा रही है । इस दौरान उनके खेतों के बीच से गैस पाइपलाइन गुजरनी है उन्होंने बताया कि करीब 1 वर्ष पहले कंपनी के कर्मचारियों ने उनके खेतों में खड़े आंवला, अमरुद, अनार, सफेदा इत्यादि के पौधे काटने के लिए मुवावजा देने की बात कही। उन्होंने उनके करीब 4000 पौधे काटे गए। जिनकी कीमत करीब ढाई करोड रुपए बनती है। कंपनी के कर्मियों ने कहा कि उन्हें उनका उचित मुआवजा दिया जाएगा तथा पाइप लाइन डालने का समय आया तो कंपनी कर्मियों ने उन्हें मात्र  13 लाख का चेक थमा दिया। उन्होंने कहा कि उनका तो करीब ढाई करोड रुपए का नुकसान हुआ है।  तेरह लाख  रुपए से काम नहीं चल सकता 
इस दौरान किसानों ने डीआरओ व जिला उपायुक्त को उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंप दिया तथा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को भी पत्र लिखा। उचित मुआवजा लेने के लिए न्यायालय का सहारा लिया। न्यायालय में भी केस विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि एक दो बार जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आकर सर्वे भी किया अब करीब दो-तीन दिन पहले कंपनी के कर्मचारियों ने कहा कि पाइप लाइन डाली जाएगी इसके लिए उन्हें पुलिस फोर्स का सहारा लेना पड़ेगा। बुधवार को कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रेस शाह, कंपनी कर्मचारियों के साथ नाथूसरी चोपटा तहसील के नायब तहसीलदार प्रदीप अहलावत ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर व नाथूसरी चौपटा थाना प्रभारी सत्यवान पुलिस फोर्स के साथ नहराना के खेतों में पहुंचे उनके साथ महिला व पुरुष बल को तैनात किया गया ।  किसानों ने पुलिस बल की मौजूदगी में सरकार विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए। 



।  करीब 4 घंटे तक किसानों व प्रशासनिक अधिकारियों व कंपनी कर्मियों के बीच बातचीत चलती रही लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला करीब 4 बजे ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार प्रदीप अहलावत ने कहा कि किसानों की बात उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दी जाएगी तथा एक कमेटी  बनाने का अनुरोध किया जाएगा कमेटी जो फैसला लेगी वह दोनों पक्षों को मानना पड़ेगा । इसके बाद कंपनी कर्मी दूसरी बार भी गैस पाइपलाइन डाले बिना ही बैरंग लौट गए। इस मौके पर बलराम सहारण, रामेश्वर नंबरदार, भागीरथ, ओम प्रकाश, छोटू राम, जय सिंह, बंसी लाल, बद्री, शंकरलाल, विजय सिंह , हरि सिंह, लीलू राम, भरत झाझरिया, सुभाष, अमर सिंह , आजाद जाखड़, रामदत्त पूनिया, ओमप्रकाश, कृष्ण कुमार सहित सैकड़ों किसान खेतों में आ गए और पाइप डालने का विरोध करने लगे। उन्होंने मांग की कि किसानों को जो नुकसान हुआ है उनके फलदार पौधे काटे गए हैं उनका उचित मुआवजा दिया जाए तभी पाइप लाइन डालने दी जाएगी। इस दौरान किसान बंसीलाल ने बताया कि करीब 4:00 बजे तक यही जद्दोजहद चलती रही।





फोटो। नहराना में नाथूसरी चोपटा के नायब तहसीलदार किसानों से बातचीत करते हुए, साथ में थाना प्रभारी सत्यवान व कंपनी कर्मचारी।
 खेतों में पुलिस बल के जवान

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