शाहपुरिया व शक्कर मंदोरी गांवों के किसान बोले:- फसल पर कर चुके हैं 20 हजार रुपए प्रति एकड़ का खर्च पैदावार एक पैसे की नहीं और अगली फसल की बिजाई नहीं हो पाएगी।। 1 सप्ताह में 7 बार टूटा सेम नाला, 1000 एकड़ में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद।। पढ़िए पूरी खबर...

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शाहपुरिया व शक्कर मंदोरी गांवों के किसान बोले:- फसल पर कर चुके हैं 20 हजार रुपए प्रति एकड़ का खर्च पैदावार एक पैसे की नहीं और अगली फसल की बिजाई नहीं हो पाएगी।। 1 सप्ताह में 7 बार टूटा सेम नाला, 1000 एकड़ में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद।। पढ़िए पूरी खबर...

 



सरकार व प्रकृति की दोहरी मार के आगे बेबस किसान
नरेश बैनीवाल 9896737050

चोपटा। क्षेत्र से गुजरनेे वाला हिसार घग्गर मल्टीपरपज ड्रेन सेम नाला पिछले 1 सप्ताह में शाहपुरिया व शक्कर मंदोरी के बीच 7 बार टूटने से 1000 एकड़ से ज्यादा में पक कर तैयार खड़ी नरमें, गवार, बाजरे, कपास व मूंग की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। इसके अलावा सैकड़ों ट्यूबेल भी पानी में डूबने से खराब हो गए। अभी भी सेम नाले के टूटने का खतरा बना हुआ है। प्रशासनिक अधिकारी समस्या के समाधान के बजाय दोरौं तक ही सीमित रहे। किसानों का कहना है कि उनका प्रति एकड़ के हिसाब से करीब 20 हजार रुपए खर्च हो चुका है । लेकिन आमदनी एक पैसे की भी नहीं है, और अगली फसल की बिजाई नहीं हो सकेगी। सरकार और प्रकृति की दोहरी मार के आगे बेबस किसानो को खराब फसल देखकर रोना आ रहा है। गौरतलब है कि 1 सप्ताह पहले ज्यादा बारिश होने से सेम नाला टूटने की संभावना के मद्देनजर गांव तरकांवाली के ग्रामीणों ने सेम नाले के तटबंध मजबूत करने शुरू कर दिए। इसी दौरान गांव शक्कर मंदोरी और शाहपुरिया के बीच में सेम नाले में अचानक दरार आ गई जिससे करीब 500 एकड़ फसल डूब कर नष्ट हो गई ग्रामीणों ने अपने स्तर पर बांधने का प्रयास किया।



 
 लेकिन कामयाबी नहीं मिल पाई। तभी सिरसा के जिला उपायुक्त ने अपने प्रशासनिक अमले के साथ दौरा किया। उन्होंने डेरा सच्चा सौदा अनुयायियों से मदद की अपील की इसके बाद डेरा सच्चा सौदा प्रेमियों व ग्रामीणों ने अपने स्तर पर सेम नाले के तटबंध को बांधा। दूसरे दिन फिर से सेमनाला टूट गया इसके बाद लगातार हर दिन एक या दो बार सेम नाले में दरार आने से गांव शाहपुरिया व शक्कर मंदोरी की 1000 एकड़ से ज्यादा फसल डूब कर पूरी तरह से नष्ट हो गई। जिसमें दयाराम की 15 एकड़, बंसीलाल की 10 एकड, किसान नारायण की 8 एकड,़ हरि सिंह की 10 एकड,़ शंकर बैनीवाल की 12 एकड़, प्रभु दयाल का ट्यूबेल और नरमे कपास की फसल पानी में डूब गई । जगदीश की 8 एकड,़ रामस्वरूप की 10 एकड़, कृष्ण कुमार की 8 एकड़ फसल डूबने से नष्ट हो गई इसके अलावा शाहपुरिया गांव स ेगांधी की 4 एकड, मैनपाल,रविंद्र सिहाग, हनुमान सहारण, राजवीर सिंवर कई किसानों  की फसल बर्बाद हो गई। उनका कहना है कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है । पहले तो सेम नाले की सफाई नहीं करवाई गई और उसके बाद जब सेम नाले में पानी का स्तर बढ़ा तो समय पर प्रशासनिक अधिकारियों व सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कोई गौर नहीं की। अगर समय रहते प्रशासन द्वारा संभाल कर ली जाती तो उन्हें यह नुकसान नहीं उठाना पड़ता । अब  उन्होंने प्रति एकड़ के हिसाब से करीब 20 हजार रुपए खर्च किया हुआ है। लेकिन पैदावार एक पैसे की भी नहीं होगी । उन्हें तो प्रति एकड़ के हिसाब से 80 हजार रुपए का घाटा लग रहा है और अगली फसल गेहूं या सरसों की बिजाई भी पानी खड़ा रहने से नहीं हो पाएगी। ऐसे में सरकार और प्रकृति की दोहरी सहना काफी मुश्किल हो गया है । सरकार को खराब हुई फसलों की गिरदावरी करवाकर उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए।



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