चौपटा क्षेत्र के सेमग्रस्त गांवों में बारिश के पानी से नरमे की फसल पर खराबे का संकट गहराया।

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चौपटा क्षेत्र के सेमग्रस्त गांवों में बारिश के पानी से नरमे की फसल पर खराबे का संकट गहराया।

 


चोपटा। खंड के गांव रुपाणा गंजा में बारिश होने से खेतों में पानी खड़ा होने से फसल खराब होने का अंदेशा बढ़ गया है किसानों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि जल्द पानी निकासी का प्रबंध किया जाए नहीं तो उनकी फसल पानी से गल जाएगी और नष्ट हो जाएगी। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष राकेश कस्वां, शमशेर सिंह , रविंद्र कुमार, बलजीत , राजेश, कुलदीप , शमशेर ने बताया कि उनके क्षेत्र में सेम की समस्या है जिसके कारण अब बारिश होने से जमीन में पानी खड़ा हो गया है। उन्होंने बड़ी मुश्किल से नरमा व धान की बिजाई की लेकिन अब पानी निकासी की उचित व्यवस्था ना होने के कारण उनकी फसल को नुकसान हो रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन व सरकार से मांग की है कि पानी निकासी का जल्द प्रबंध किया जाए। ताकि फसलों को बचाया जा सके। इसके अलावा  घरों में भी पानी घुसने लगा है। गांव की गलियों में पानी खड़ा होने से मच्छरों की भरमार हो गई है जिससे बीमारियां फैलने का भी अंदेशा हो गया है।फोटो। 

चोपटा। राजस्थान की सीमा से सटे चोपटा खंड के गांवों में हुई जोरदार बारिश से विरानी जमीन में तो फायदा हुआ है लेकिन नहरी जमीन में पानी खड़ा होने से नरमे की फसल को नुकसान होने का अंदेशा लगने लगा है। किसानों का कहना है कि ज्यादा बारिश फसलों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। चोपटा खंड में करीब 68000 हेक्टेयर जमीन में खेती की जाती है जिसमें से 6000 हेक्टेयर जमीन सेम के चपेट में है उसमें करीब 20 वर्ष से एक दाना भी नहीं होता है। इसके अलावा करीब 62000 हेक्टेयर जमीन में इस बार 34200 हेक्टेयर में नरमे की फसल, 53100 हेक्टेयर में धान, 28 हेक्टेयर में बाजरा, 180 हेक्टेयर में मक्का , 720 हेक्टेयर में दलहन, 4000 हेक्टेयर में मूंगफली, 900 हेक्टेयर में अरंड, 12650 हेक्टेयर में ग्वार और 500 हेक्टेयर में हरे चारे की बिजाई की गई है। क्षेत्र के कुम्हारिया , कागदाना , खेड़ी, गुसाईंयाना, गिगोरानी, शाहपुरिया, नाथूसरी कला, शक्कर मंदोरी, माखोसरानी, कैरावली, रुपाणा गंजा, मोची वाली सहित कई गांवों में पिछले सप्ताह जोरदार बारिश हुई ।

बारिश होने से अभी तक नुकसान की कोई शिकायत नहीं आई है।  विरानी जमीनों में तो बारिश से फायदा ही हुआ है इसके अलावा नरमें व धान की फसल में पानी पानी खड़ा है वहां से पानी निकासी का प्रबंध करना चाहिए। और इसके अलावा नरमे की फसल में जहां पर पानी खड़ा है वहां पर धूप निकलने से नरमे के पौधे पीले पड़ सकते हैं उन पर एहतियात के तौर पर 100 लीटर पानी में कोबाल्ट क्लोराइड का घोल मिलाकर छिड़काव करना चाहिए जिससे नरमे के पौधों को सूखने से बचाया जा सकता है।---- कृषि विकास अधिकारी डॉ बहादर गोदारा

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इनेलो नेताओं ने चौपटा क्षेत्र में किया दौरा। बारिश के पानी से जल भराव होने से खराब हुई फसलों का किया अवलोकन


चौपटा।  क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश के बाद खेतों में पानी खड़ा होने से नरमे की फसल खराब होने लगी है । इसी को लेकर  इनेलो नेताओं ने क्षेत्र के दर्जन भर गांवों में दौरा किया। फसलों के खराबे है का अवलोकन किया और किसानों से बातचीत की। इनेलो नेता कश्मीर सिंह करीवाला, रणधीर जोधकां, हीरालाल  सहित कई नेताओं ने गांव शक्कर मंदोरी, शाहपुरिया, माखोसरानी, चाहरवाला सहित कई गांवों में बारिश के पानी से खराब हुई फसलों की जानकारी ली तथा किसानों से बातचीत कर उचित मुआवजा दिलवाने की मांग की। इन नेताओं ने कहा कि अभय सिंह चौटाला के निर्देश पर खराब हुई फसलों की जानकारी लेने पहुंचे हैं तथा किसानों की मांग को प्रशासन व सरकार के सामने जोर-शोर से उठाया जाएगा ताकि किसानों को खराबे का उचित मुआवजा मिल सके। और जल्द पानी निकासी  का प्रबंध  करवाने की मांग उठाई जाएगी । इस मौके ग्रामीणों ने जलभराव की समस्या से अवगत करवाया।
फोटो।

 

 

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