सीआईए डबवाली इंचार्ज सब इंस्पेक्टर अजय कुमार को विजिलेंस की टीम ने 2 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथों सिरसा से किया काबू।

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सीआईए डबवाली इंचार्ज सब इंस्पेक्टर अजय कुमार को विजिलेंस की टीम ने 2 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथों सिरसा से किया काबू।

 


चोपटा। सीआईए डबवाली के प्रभारी सब इंस्पेक्टर अजय कुमार को विजिलेंस की टीम ने 2 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू किया। रिश्वत के  पैसे लेने की डील अनाज मंडी में हुई। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है।  विजिलेंस ने यह कार्रवाई अफीम तस्करी के सजायाफ्ता बलदेव सिंह उर्फ बल्ला के पुत्र सुखा सिंह की शिकायत पर की। सुखा सिंह ने विजिलेंस विभाग के एडीजीपी पीके अग्रवाल को शिकायत की कि सीआईए डबवाली प्रभारी सब इंस्पेक्टर अजय कुमार द्वारा ₹200000 रिश्वत की मांग की जा रही है । 1 लाख रुपए पहले भी दे चुका है इस मामले में फरीदाबाद विजिलेंस के डीएसपी कैलाश चंद्र की अगुवाई में टीम बनाकर भेजी गई।  सुखा ने सीआईए प्रभारी से अनाज मंडी में मिलने की बात कही। 2 लाख की रिश्वत लेने के लिए सब इंस्पेक्टर अजय कुमार अपनी पर्सनल कार से अनाज मंडी में पहुंचा और रिश्वत की 200000 रुपए की राशि प्राप्त की। इशारा मिलते ही विजिलेंस टीम ने सब इंस्पेक्टर को दबोच लिया उसके कब्जे से रिश्वत के रूप में ली गई 2 लाख रुपए की  राशि बरामद कर ली । विजिलेंस द्वारा भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई अमल में लाई जा रही है । 

क्या था मामला 

जिला के गांव जंडवाला के मूल निवासी बलदेव सिंह हाल निवासी हुड्डा सेक्टर सिरसा में अपना निवास बनाया हुआ था । उसके द्वारा अफीम तस्करी का कारोबार संचालित किए जाने की सूचना मिलने पर नारकोटिक्स विभाग चंडीगढ़ की टीम ने वर्ष 2015 में सिरसा में दबिश दी और लगभग 38 किलो अफीम की बरामदगी की थी इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अदालत द्वारा बलदेव सिंह को सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया गया। लोक डाउन के दौरान बलदेव सिंह उर्फ बल्ला को पैरोल पर छोड़ा गया। लेकिन पैरोल अवधि पूरी होने पर जेल में नहीं लौटा। अदालत ने उसे पीओ घोषित कर दिया । मामले में सीआईए प्रभारी ने बलदेव सिंह को काबू करके जेल भेज दिया। बलदेव के पुत्र सुखा द्वारा दी गई शिकायत में बताया गया इसके बाद प्रभारी सब इंस्पेक्टर उसके परिवार पर चार्ज लगाकर जेल भेजने की धमकी दी। उद्घोषित अपराधी को शरण देने का आरोप लगाया। इसके एवज में 100000 की मांग की राशि देने के कुछ समय बाद फिर से ₹200000 की मांग शुरू कर दी। सीआईए प्रभारी द्वारा बार-बार रिश्वत की मांग करने  पर उसने विजिलेंस के विभाग के एडीजी से संपर्क साधा और इसके बाद घूसखोर पुलिस अधिकारी के लिए जाल फैलाया गया। सीआईए प्रभारी सब इंस्पेक्टर अजय कुमार को 2लाख रुपए की राशि लेते पकड़ा गया।

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