गांव तरकांवाली में कारगिल युद्ध के शहीद कृष्ण कुमार को शहादत दिवस पर किया नमन

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गांव तरकांवाली में कारगिल युद्ध के शहीद कृष्ण कुमार को शहादत दिवस पर किया नमन


Reporting by naresh beniwal 9896737050

 गांव तरकांवाली में कारगिल युद्ध के शहीद कृष्ण कुमार को शहादत दिवस पर किया नमन 

सैनिकों की बदौलत ही हम खुली हवा में ले रहे हैं सांस :- कैप्टन अमरदीप सिंह

चोपटा। कारगिल युद्ध के शहीद कृष्ण कुमार के पैतृक गांव तरकांवाली में शहादत दिवस पर शहीदी स्मारक पर ग्रामीणों व परिजनों ने शहीद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। ग्रामीणों व युवा क्लब सदस्यों ने कोविड-19 नियमों के तहत पालना करते हुए शहीद को श्रद्धांजलि दी। शहादत दिवस पर ग्रामीणों व परिजनों ने शहीदी स्मारक की सफाई की।  कैप्टन अमरदीप सिंह, कुणाल खोड सहित ग्रामीण भूप सिंह, बलजीत सिंह, मनोज, पवन कुमार, मिट्ठू फौजी, राममूर्ति, ओमप्रकाश प्रधान , आजाद, संदीप ,कृष्ण कुमार सहित कई ग्रामीणों ने शहीदी स्मारक पर शहीद कृष्ण कुमार की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर कैप्टन अमरदीप सिंह ने कहा कि शहीदों का हमें सम्मान करना चाहिए। क्योंकि शहीदों की शहादत की बदौलत ही हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हमें शहीद कृष्ण कुमार की शहादत पर गर्व है लेकिन एक बात का मलाल रहता है कि शहादत दिवस पर सरकार व प्रशासन की तरफ से कभी भी कोई अधिकारी या कर्मचारी श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचता।



 गौरतलब है कि भारतीय सेना में सत्रहवीं में जाट रेजीमेंट का बहादुर सिपाही कृष्ण कुमार निवासी तरकांवाली जिला सिरसा कारगिल की सबसे दुर्गम चोटी टाइगर हिल्स पर दुश्मनों से लोहा लेते हुए 30 मई 1999 को शहीद हो गया था। लेकिन अपनी बहादुरी के बल पर 8 सैनिकों को मौत की नींद सुला दिया था। भीष्ण गोलीबारी और सर्दी के कारण सेना कृष्ण का पार्थिव शरीर बरामद नहीं कर पाई थी 45 दिन बाद बर्फ में शहीद का शव मिल गया जिसे लेकर भारतीय सेना के जवान 16 जुलाई को गांव  पहुंचे और पू्रे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया। शहीद कृष्ण कुमार की सेना में पहली नियुक्ति श्रीनगर में हुई थी और अंत तक वही रहे सैनिक के साथ-साथ अच्छे वालीवाल खिलाड़ी के रूप में ग्रामीण उन्हें याद करते हैं।



Reporting by naresh beniwal 9896737050

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